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    दिल्ली के इस फेमस इलाके में जमकर गरजा DDA का बुलडोजर, 200 से ज्यादा झुग्गियां ध्वस्त; खेत भी उजाड़े

    Updated: Fri, 25 Apr 2025 08:09 PM (IST)

    दिल्ली के मयूर विहार यमुना खादर में डीडीए ने अतिक्रमण हटाते हुए 200 से ज़्यादा झुग्गियां ध्वस्त कर दीं। एनएच-नौ से डीएनडी के बीच यह कार्रवाई हुई जिसमें खेतों और नर्सरियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। डीडीए के अनुसार यह क्षेत्र नेचर पार्क के लिए प्रस्तावित है और अवैध कब्जे किए गए थे। पहले भी निर्देश दिए गए थे लेकिन लोग बार-बार आकर बस गए थे।

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    यमुना खादर में चला डीडीए का बुलडोजर, तोड़ी झुग्गियां।

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। मयूर विहार यमुना खादर में शुक्रवार को डीडीए ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। 10 बुलडोजर लगाकर एनएच-नौ से डीएनडी के बीच 200 से ज्यादा झुग्गियों को ध्वस्त किया गया। उनके आगे बने चबूतरे तोड़े गए। खेतों में फसल को बुलडोजर से रौंदा गया।

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    नर्सरियों को भी तहस-नहस कर दिया गया। कार्रवाई होते देखते काफी संख्या में लोग ट्रैक्टर, टेंपो और रेहड़ी में झुग्गियों से अपना सामान ले जाते हुए दिखे। मौके पर माैजूद डीडीए के अधिकारियों ने बताया कि थोड़ी-थोड़ी कार्रवाई कई दिन से चल रही है, अब बड़े स्तर पर ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। यह आगे भी जारी रहेगी।

    झुग्गियों को हटाने के लिए कई बार कार्रवाई की गई

    मयूर विहार खादर क्षेत्र में नेचर पार्क प्रस्तावित है। इस जगह पर लोग अवैध रूप से झुग्गी डालकर रह रहे थे। यहीं पर वह सब्जियों की खेती करते थे। कुछ लोग पौधों की नर्सरी चला रहे थे। इन झुग्गियों को हटाने के लिए कई बार कार्रवाई की गई। लेकिन बार-बार लोग दोबारा आकर बस जाते थे। कार्रवाई के खिलाफ कई लोग व संगठन दिल्ली हाई कोर्ट ले गए थे। वहां से भी इनको कोई राहत नहीं मिली।

    बुलडोजर से झुग्गियों को ध्वस्त किया

    डीडीए ने अब दोबारा से मयूर विहार खादर क्षेत्र में रह रहे झुग्गीवासियों को झुग्गियां खाली करने और अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि ऐसा नहीं किया तो डीडीए खुद अतिक्रमण हटाएगा। उसके तहत ही डीडीए की टीम ने पुलिस बल के सहयोग से शुक्रवार को खादर में कार्रवाई करते हुए बुलडोजर से झुग्गियों को ध्वस्त किया। इस दौरान किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ।

    दबंग किराये पर देते हैं जमीन, उन पर नहीं होती कार्रवाई

    खादर में दबंग सक्रिय हैं। ये मजदूरी की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को खादर में बसाते हैं। झुग्गी उजड़ने के बाद गाजीपुर के रामखिलावन ने बताया कि वह यहां खेती कर रहे थे। उनके मुताबिक, चिल्ला गांव के एक व्यक्ति से प्रति बीघा 10 हजार रुपये सालाना पर 20 बीघा जमीन ली थी। वहीं पर रहकर सब्जियों की खेती करते थे। पौधों की नर्सरी के लिए 50 हजार रुपये वार्षिक किराये पर भूमि दी गई थी।

    इस खादर क्षेत्र में बरेली, बदायं, मुजफ्फरपुर, दरभंगा समेत कई इलाकों के लोग रह रहे थे, जो अब छत की तलाश में हैं। इनमें से कुछ ने बताया कि वह नजदीकी आश्रय स्थल चले जाएंगे, कई लोगों ने बताया कि वह न्यू अशोक नगर, त्रिलोकपुरी में कमरा किराये पर लेंगे। अभी बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि डीडीए दबंगों पर कार्रवाई नहीं करता, जो उसकी जमीन का किराया वसूलते हैं।

    डीडीए की रही है लापरवाही

    यमुना खादर में पिछले वर्ष भी बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई थी। उस वक्त दो हजार से अधिक झुग्गियों को हटाकर वहां पर निगरानी के लिए सुरक्षा गार्ड लगाए गए थे। इन गार्डों के रहते हुए वहां पर दोबारा कब्जा हो गया। सुरक्षा गार्डों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह समय-समय पर यहां बस रहे लोगों की जानकारी डीडीए अधिकारियों को देते रहे हैं। इस बारे में डीडीए के प्रवक्ता बिजय पटेल को फोन करके और वाट्सएप पर पक्ष मांगा गया, लेकिन उनका जवाब प्राप्त नहीं हुआ।

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