RERA के आदेश को DDA ने दी दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती, इस दिन होगी अगली सुनवाई
रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के आवासीय परियोजना पंजीकरण के आदेश के बाद डीडीए ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। डीडीए का तर्क है कि वह र ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा आवासीय परियोजनाओं के पंजीकरण का निर्देश दिए जाने के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने हाई कोर्ट का रुख किया है। याचिका पर न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने हाल ही में रेरा और केंद्र सरकार को को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई 7 जुलाई को होगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश सिंह और अधिवक्ता वृंदा कपूर देव ने डीडीए का की तरफ से तर्क दिया कि डीडीए द्वारा दायित्वों का वैधानिक प्रयोग रियल एस्टेट अधिनियम के प्रविधानों के अंतर्गत नहीं आता है, क्योंकि यह दिल्ली विकास प्राधिकरण (आवास संपदाओं का प्रबंधन और निपटान) विनियम-1968 और नजूल नियम- 1981 द्वारा शासित है।
याचिका में कहा गया कि रेरा अधिनियम के तहत आवास परियोजनाओं का डीडीए प्रमाेटर नहीं है और अन्य प्रमोटरों व निजी बिल्डर की तरह रेरा अधिनियम के तहत डीडीए को अनिवार्य रूप से पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है।
डीडीए ने रेरा के निर्णय पर लगाम लगाने की मांग की गई। डीडीए ने तर्क दिया कि दिल्ली विकास अधिनियम की प्रस्तावना ने प्राधिकरण को निजी डेवलपर्स के वाणिज्यिक और लाभ-प्रेरित उद्देश्यों से मौलिक रूप से अलग स्थापित किया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।