'डांसिंग गर्ल' को देख ललचा गए प्रोफेसर साहब, म्यूजियम में कर दी ऐसी हरकत... पुलिस के भी उड़े होश!
दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय से डांसिंग गर्ल की रेप्लिका चोरी होने से हड़कंप मच गया। सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ कर्मियों ने तलाशी अभियान चलाकर एक संदिग्ध प्रोफेसर को पकड़ा जिसके पास से अनुकृति बरामद हुई। असली डांसिंग गर्ल सिंधु घाटी सभ्यता की मोहनजोदड़ो साइट से प्राप्त हुई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नई दिल्ली स्थित नेशनल म्यूजियम से डांसिंग गर्ल की रेप्लिका (अनुकृति) चोरी के मामले बड़ा अपडेट सामने आया है। आरोपी प्रोफेसर ने जांच में खुलासा किया है कि उसने रेप्लिका क्यों चोरी की।
डांसिंग गर्ल की रेप्लिका चोरी करने वाले प्रोफेसर ने पूछताछ में बताया कि अनुकृति को देखकर वह इस कदर आकर्षित हुए कि उन्होंने उसे चोरी करने की याेजना बनाई।
वह म्यूजियम में घूमने की नियत से पहुंचे थे, लेकिन अनुकृति की खूबसूरती देख उन्हें लालच आ गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रोफेसर काफी पढ़े-लिखे हैं।
जब उन्हें हिरासत में लेकर थाने लाया गया और उनसे पूछताछ की गई तो वह अंग्रेजी छोड़ कर ठीक से हिन्दी भी नहीं बोल पाते हैं। उनकी पहचान हरियाणा, सोनीपत स्थित अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सरमन मुखर्जी के रूप में हुई है। मूलरूप से वह बंगाल के रहने वाले हैं।
20 सितंबर की है घटना
जानकारी के मुताबिक, 20 सितंबर को जनपथ स्थित नेशनल म्यूजियम से डांसिंग गर्ल की अनुकृति चोरी हो गई थी। नेशनल म्यूजियम में कार्यरत निखिल कुमार ने इस बात की शिकायत कर्तव्य पथ थाने में की थी।
सूचना के बाद मौके पर पुलिस वाले पहुंचे। वहां पर सीआईएसएफ ने चोरी करने वाले प्रोफेसर को पहले से पकड़ रखा था। उसके बाद आगे की जांच के लिए प्रोफेसर सरमन मुखर्जी को कर्तव्य पथ पुलिस के हवाले कर दिया था।
वहां पर पुलिसकर्मियों ने पूछताछ की तो प्रोफेसर ने बताया कि जब उन्होंने डांसिंग गर्ल की रेप्लिका को देखा तो वह आकर्षित हो गए थे और उन्हें लालच आ गया था।
क्या है पूरा मामला
राष्ट्रीय संग्रहालय में बीते शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब पता लगा कि संग्रहालय से डांसिंग गर्ल की रेप्लिका (अनुकृति) चोरी हो गई है। घटना के बाद संग्रहालय की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ कर्मियों ने तलाशी अभियान चलाते हुए एक संदिग्ध को पकड़ लिया। जांच में उसके पास से रेप्लिका बरामद हो गई।
बता दें कि असली डांसिंग गर्ल कांस्य की एक मूर्ति है जो सिंधु घाटी की सभ्यता की मोहनजोदड़ो साइट से प्राप्त हुई थी। माना जाता है की यह मूर्ति 2500 ईसापूर्व के आसपास बनाई गई होगी। सीआईएसएफ कर्मियों ने इस मामले की जानकारी संग्रहालय में कार्यरत निखिल कुमार को दी।
खबर मिलते ही निखिल मौके पर पहुंचे और पुलिस को घटना के बारे में बताया। पुलिस को पकड़े गए व्यक्ति ने बताया कि वह एक कॉलेज में प्रोफेसर है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। निखिल कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि 20 सितंबर की दोपहर करीब 2.40 बजे उन्हें चोरी की सूचना मिली थी।

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