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    जी-20 के बाद अब जापान में भारत की सभ्यता से परिचित करा रही 'डांसिंग गर्ल', जानिए क्या है खास?

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Sun, 08 Jun 2025 07:31 AM (IST)

    जापान के ओसाका में वर्ल्ड एक्सपो में आइजीएनसीए द्वारा निर्मित भारत मंडप आकर्षण का केंद्र है। सिंधु घाटी सभ्यता की डांसिंग गर्ल और बोधिसत्व पद्मपाणि की विशाल पत्तियां भारत की प्राचीन संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। मंडप में हस्तशिल्प हस्तकरघा और भारतीय व्यंजनों का प्रदर्शन किया जा रहा है जो दर्शकों को खूब लुभा रहा है।

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    जी-20 के बाद अब जापान में भारत की सभ्यता से परिचित करा रही 'डांसिंग गर्ल'

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जी-20 की शीर्ष बैठक में आए विदेशी मेहमानों के आकर्षण के केंद्र में रही ''डांसिंग गर्ल'' अब जापान के ओसाका में आयोजित एक्सपो में विदेशी मेहमानों को भारत की हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता-संस्कृति से परिचित करा रही है।

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    यह ''डांसिंग गर्ल'' सिंधु घाटी सभ्यता आधारित है, जो सिंधु घाटी की खुदाई में मिली थी, जिसकी उम्र पांच हजार वर्ष से भी अधिक पुरानी है। इसकी प्रतिकृति का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने की है। यह पांच फीट ऊंची तथा 120 किलो की है। इसे विशेष रूप से एक्सपो के लिए जापान ले जाया गया है।

    खास बात कि ओसाका में आयोजित एक्सपो में भारत मंडप का निर्माण इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आइजीएनसीए) द्वारा किया गया है। विदेश में यह उसका पहला काम है। जिसे रिकॉर्ड समय में तैयार किया है।

    वैश्विक धरोहरों को उभारा

    इस संबंध में आइजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि भारत मंडप का काम आइजीएनसीए को अंत समय पर मिला। पहले यह काम वाणिज्य मंत्रालय का था, लेकिन भारत की सभ्यता, संस्कृति और विविधता को जब दर्शाने की बात आई तो उसने इसे संस्कृति मंत्रालय के जिम्मे किया।

    उन्होंने बताया कि डांसिंग गर्ल के साथ ही अजंता की गुफाओं से प्रेरित करुणा के अवतार पद्मपाणि बोधिसत्व की छवि को भी भारत मंडप में उभारा गया है। देश में स्थित सभी वैश्विक धरोहरों को प्रस्तुत किया गया है। हस्तशिल्प, हस्तकरघा के साथ ही विविध संस्कृति को विभिन्न माध्यमों से दर्शाया गया है। सभी राज्यों की मिट्टी लेकर शिल्प तैयार कर एकता में विविधता की प्रस्तुति हुई है।

    कब तक चलेगा एक्सपो?

    डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि अंजता की गुफाओं में स्थित बोधिसत्व पद्मपाणि के कमल की पत्तियों के आधारित प्रतिकृति बेंगुलुरु में तैयार कराई गई। ये 24 भारी भरकम पत्तियों का वजन 50 टन से अधिक है। इसे लोहे और विशेष कपड़ो से तैयार किया गया है।

    ऐसे ही अनगिनत कला को यहां तैयार कर जापान ले जाने में काफी प्रयास करने पड़े। यह एक्सपो 13 अक्टूबर तक चलेगा। जिसमें ‘भारत मंडप’ सबसे लोकप्रिय आकर्षण स्थलों में एक है। उसने शीर्ष पांच मंडपों में जगह बनाई है।

    इस एक्सपो में 160 से अधिक देश और नौ अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया है। जबकि, भारत के विभिन्न मंत्रालय तथा राज्य भी देश के पवेलियन में अपनी विशेषताएं प्रदर्शित कर रहे हैं, गरबा डांस वर्कशाप, पारंपरिक परिधान प्रदर्शन और लाइव योग सत्र जैसे आकर्षण लुभा रहे हैं। उसमें भी भारतीय जायकों का स्वाद तो लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है।