दिल्ली में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर रिटायर्ड अभियंता से नौ लाख की ठगी, फरीदाबाद से मुख्य आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली में एक सेवानिवृत्त अभियंता को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर मनी लांड्रिंग के नाम पर नौ लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद सोनू अंसारी नामक एक आरोपी को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया। आरोपी सीबीआई अधिकारी बनकर पीड़ित को धमका रहा था और उसने ठगी की रकम प्रतीक दुबे नामक व्यक्ति के खाते में जमा कराई थी।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। एमटीएनएल से सेवानिवृत्त अभियंता को डिजिटल अरेस्ट कर मनी लांड्रिंग मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और गिरफ्तारी का डर दिखाकर करीब नौ लाख रुपये ठग लिए गए। ठगी का पता चलने पर पीड़ित बुजुर्ग ने उत्तरी-पश्चिमी जिला साइबर थाना पुलिस में आठ अगस्त को इसकी शिकायत दी और केस दर्ज करवाया। पुलिस ने आरोपित को फरीदाबाद स्थित पंचशील कालोनी से गिरफ्तार कर लिया। जिसकी पहचान सोनू अंसारी के रूप में हुई है। आरोपित सीबीआई अधिकारी बन पीड़ित को धमका रहा था।
अन्य बैंक खातों में भेज दी
उत्तरी-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने बताया कि पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें सीबीआइ अधिकारी बनकर किसी आज्ञात ने वाट्सएप पर वीडियो काल कर डिजिटल अरेस्ट किया। फिर मनी लांड्रिंग केस के नाम पर नौ लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगी की पूरी राशि नौ लाख रुपये आरोपित ने पीड़ित से अपने खाते में ली। फिर उसे आगे अन्य बैंक खातों में भेज दी।
ठिकाने का पता लगाया गया
आरोपितों को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई गई। जांच के दौरान पता चला कि आरोपित पीड़ित से वाट्सएप व टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क कर रहे थे। आरोपितों के बैंक खातों में दिए गए पते बैंक रिकार्ड व आधार पते से मेल नहीं खा रहे थे। टीम ने डिजिटल फुटप्रिंट्स को एकत्र कर तकनीकी व मैनुअल निगरानी बढ़ाई। इससे आरोपित की पहचान सोनू अंसारी के रूप में हुई। फिर तकनीकी निगरानी से उसके ठिकाने का पता लगाया गया।
फिर बैंक खाता दुबे को सौंपा
इसके बाद पुलिस टीम ने आरोपित सोनू अंसारी को फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दैरान आरोपित ने बताया कि वह रुपये के लालच में प्रतीक दुबे नामक व्यक्ति के संपर्क में आया। प्रतीक दुबे की सलाह पर उसने बैंक आफ महाराष्ट्र में खाता खुलवाया। फिर बैंक खाता दुबे को सौंप दिया। जिसमें ठगी की रकम लेते थे।
आरोपित ने बताया कि बैंक खाता उसने फर्जी किरायानामा व आधार से खुलवाया था। वह न तो आधार पते पर और न ही किरायानामा पते पर रह रहा था। पुलिस अब इसके साथ प्रतीक दुबे की तलाश में जुटी हुई है।
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