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    Delhi Crime: शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर लोगों से 35 लाख की ठगी, एक जालसाज गिरफ्तार

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 10:31 PM (IST)

    क्राइम ब्रांच ने साइबर ठगी गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया है जिसने शेयर बाजार में मुनाफे का लालच देकर दो लोगों से 35 लाख रुपये ठगे। आरोपी ने बैंक खाता खुलवाकर जालसाजों को दे दिया था। पूछताछ में उसने बताया कि वह 30 हजार रुपये के लालच में फंसा था। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

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    क्राइम ब्रांच ने साइबर ठगी गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच ने एक साइबर ठगी गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया है, जिसने दो लोगों को शेयर बाजार के नाम पर भारी मुनाफे का लालच देकर 35 लाख रुपये का निवेश कराया था। 30,000 रुपये प्रति माह कमीशन का लालच देकर, आरोपी ने अपने नाम से एक चालू बैंक खाता खुलवाया और पासबुक व एटीएम गिरोह को सौंप दिए।

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    डीसीपी आदित्य गौतम के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी का नाम ऋषि रणधीर सिंह है। वह इंदिरा नगर, पुणे, महाराष्ट्र का रहने वाला है। पूछताछ और खातों की जाँच के दौरान पता चला कि उसने फर्जी निवेश योजनाओं के नाम पर एक व्यक्ति से 8 लाख रुपये और एक वरिष्ठ नागरिक से 27 लाख रुपये की ठगी की थी।

    पुलिस अधिकारी का कहना है कि दिल्ली के एक व्यवसायी को पहले फेसबुक और बाद में व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से एक फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग एप्लीकेशन इंस्टॉल करने का लालच दिया गया था। जब वह जालसाजों के जाल में फंसकर निवेश करने के लिए तैयार हो गया, तो उसे एक फर्जी निवेश सुझाव समूह में भी जोड़ दिया गया। वहां उसे "आईपीओ फंडिंग" और "मुनाफा निकालने" के नाम पर धीरे-धीरे निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया।

    जिस पर उसने आईएमपीएस, एनईएफटी, यूपीआई के माध्यम से कई बैंक खातों में आठ लाख रुपये जमा कर दिए। जब ​​उसने ज़रूरत के अनुसार कुछ पैसे निकालने की माँग की, तो जालसाज़ों ने उसे धमकाया और और पैसे जमा करने का दबाव बनाया। जाँच के दौरान, पुलिस को ऋषि रणधीर के नाम से एक संदिग्ध खाता मिला, जिसमें शिकायतकर्ता के खाते से आठ लाख रुपये आए थे। गहन जाँच के बाद, उसकी करोल बाग में मौजूदगी पाई गई, जहाँ से उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।

    पूछताछ के दौरान ऋषि ने बताया कि वह आठवीं पास इलेक्ट्रीशियन है। लालच में आकर वह दो व्यक्तियों के संपर्क में आया, जिन्होंने उसे 30 हज़ार रुपये प्रति माह देने का लालच दिया। इस पर उसने एक चालू बैंक खाता खुलवाया और अपनी बैंकिंग जानकारी जालसाज़ों को सौंप दी। गिरोह में शामिल मुख्य आरोपियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।

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