दिल्ली पुलिस ने भेष बदलकर जामताड़ा में मारा छापा, क्रेडिट कार्ड की केवाईसी के नाम पर ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश
दिल्ली पुलिस ने जामताड़ा से तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जो क्रेडिट कार्ड केवाईसी अपडेट के नाम पर लोगों को धोखा दे रहे थे। पुलिस ने स्थानीय वेशभूषा में छापेमारी कर आरोपियों को पकड़ा। मुजफ्फर जिलानी आफताब अंसारी और मोहम्मद इकबाल रजा नामक इन जालसाजों ने एसबीआई क्रेडिट कार्ड अधिकारी बनकर लोगों से उनकी बैंकिंग जानकारी हासिल कर लाखों रुपये ठगे।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली: दक्षिणी पश्चिमी जिले की साइबर थाना पुलिस ने लोगों को ठगने वाले तीन जालसाजों को झारखंड के जामताड़ा से गिरफ्तार किया है।
आरोपित क्रेडिट कार्ड की केवाईसी अपडेट कराने का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहे थे। पुलिस ने भेष बदलकर रेकी कर आरोपितों को गिरफ्तार किया।
पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि जामताड़ा निवासी मुजफ्फर जिलानी, आफताब अंसारी और मोहम्मद इकबाल रजा को पकड़ा है। इनसे पांच मोबाइल, छह सिम कार्ड और एक डेबिट कार्ड बरामद किया है।
पालम निवासी केसी बर्थवाल ने दर्ज कराई थी शिकायत
पालम निवासी केसी बर्थवाल ने साइबर थाने में शिकायत दी थी कि पांच अप्रैल को उनके मोबाइल पर एक नंबर से काल आई। काल करने वाले ने खुद को एसबीआइ क्रेडिट कार्ड शाखा मुंबई मुख्यालय का अधिकारी बताया।
आरोपित ने पीड़ित से कहा कि उनके कार्ड से 588 डेबिट हो गए हैं। फिर पीड़ित से कहा कि उन्हें अपने कार्ड की केवाईसी अपडेट करानी होगी। ऐसा न करने पर कार्ड को ब्लाक कर दिया जाएगा।
एसबीआई की आर्थिक वेबसाइट जैसा लिंक भेजा गया था
जालसाज ने पीड़ित के मोबाइल पर एक लिंक भेज दिया। इस पर क्लिक करने से केवाईसी पूरी करने की बात कही। इस तरह आरोपित ने पीड़ित से उनकी बैंकिंग जानकारी ले ली और उनके कार्ड व बैंक खाते से करीब 10.80 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली।
इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक के नेतृत्व में मामले की जांच शुरू की। पता चला कि ठगों ने पीड़ित के कार्ड नंबर, सीवीवी, समाप्ति तिथि और ओटीपी लेने के लिए एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट जैसा एक फर्जी लिंक भेजा था। तकनीकी जांच से पता चला कि धोखाधड़ी झारखंड के जामताड़ा से की गई।
पुलिस ने दो दिन तक भेष बदलकर की रेकी
इसके बाद पुलिस टीम दिल्ली से जामताड़ा पहुंची। यहां पर पुलिस ने आरोपितों तक पहुंचने के लिए स्थानीय वेशभूषा में रेकी की।
पुलिस ने दो दिन तक रेकी करने के बाद आरोपित अमुजफ्फर जिलानी और आफताब अंसारी को गिरफ्तार किया। इन दोनों ने बताया कि वह मोहम्मद इकबाल रजा के साथ मिलकर ठगी कर रहे थे। फिर दोनों आरोपितों को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया।
यहां पर पुलिस रिमांड पर लेकर उनकी निशानदेही पर जामताड़ा में फिर से छापे मारे गए और इकबाल रजा को भी गिरफ्तार कर किया।
आफताब अंसारी है गिरोह का मास्टरमाइंड
आफताब अंसारी सिंडिकेट का मास्टरमाइंड है। जबकि मुजफ्फर जिलानी गेमिंग वालेट में ठगी के पैसे ट्रांसफर करता था। इकबाल रजा इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से दूसरे खातों में ट्रांसफर करता था। इसी ने पीड़ित के मोबाइल का एक्सेस लेने के लिए उसके मोबाइल पर एपीके फाइल भेजी थी।
पीड़ितों के पास फिशिंग काॅल करते थे जालसाज
पुलिस पूछताछ में पता चला कि जालसाज फिशिंग काल करते थे, ताकि उनका नंबर ट्रेस न हो सके। फिर पीड़ितों को एपीके फाइल भेजकर उस पर क्लिक कराकर उनके मोबाइल पर एक्सेस ले लेते थे।
फिर पीड़ितों के नंबर पर आने वाले ओटीपी के आधार पर खाते व कार्ड से पैसे निकाल लेते थे। ये जालसाज ठगी के पैसे को गेमिंग एप वालेट में ट्रांसफर कर लेते थे। जालसाज फर्जी सिमकार्ड से लोगों के पास काल करते थे।
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