दिल्ली पुलिस की अनूठी पहल... रामलीला मंच से लोगों को ऐसे किया जा रहा जागरूक, साइबर ठगी से बचेंगे लोग
दिल्ली के बाहरी-उत्तरी जिला साइबर थाना पुलिस ने एक अनूठी पहल शुरू की है। वे रामलीला मंचों का उपयोग करके लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। पुलिस रामलीला से पहले और बाद में मंच पर बड़ी स्क्रीन के माध्यम से लोगों को साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दे रही है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। दिल्ली में बाहरी-उत्तरी जिला साइबर थाना पुलिस ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। जिले में रामलीलाओं के मंच से साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है। पुलिस टीम रामलीला से पहले और बाद में मंच पर बड़ी स्क्रीन के जरिए लोगों को हर संभव साइबर अपराध से जागरूक कर रही है।
बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर वी स्वामी ने बताया कि त्योहारों के मौसम में रामलीला मैदानों को भीड़-भाड़ वाले प्रमुख क्षेत्रों के रूप में पहचानते हुए, बाहरी उत्तरी साइबर पुलिस टीम ने बड़ी संख्या में नागरिकों, खासकर उन लोगों को जो डिजिटल धोखाधड़ी के प्रति अधिक संवेदनशील हैं, शिक्षित करने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है। जिसके तहत साइबर पुलिस अधिकारी रामलीला मंचन से पहले जनता से सीधे जुड़ रहे हैं। ओटीपी, केवाईसी धोखाधड़ी, ऋण घोटाले, डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले और सेक्सटार्शन जैसे सामान्य साइबर अपराधों के बारे में विस्तार से बताने वाले आसानी से समझ में आने वाले पैम्फलेट का वितरण कर रहे हैं।
राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1930 और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर वित्तीय साइबर धोखाधड़ी की तुरंत रिपोर्ट करने के महत्व पर जोर दिया जा रहा है। रामलीला मैदान बड़े पैमाने पर समुदाय से जुड़ने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि त्योहारों के मौसम की खुशियां डिजिटल कमजोरियों के कारण कम न हों। सार्वजनिक और आकर्षक वातावरण में संवाद करके, हम ''साइबर सुरक्षित रहें'' के संदेश को एक सामूहिक प्रयास बना रहे हैं। यह पहल दिल्ली पुलिस की सक्रिय सामुदायिक पुलिसिंग और डिजिटल अपराध में वृद्धि से निपटने के लिए नवीन तरीकों के उपयोग की व्यापक प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
ऑनलाइन ठगी से बचने को लेकर पुलिस ने दिए टिप्स
- कभी भी किसी के साथ ओटीपी, सीवीवी या पासवर्ड साझा न करें
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें या अज्ञात ऐप डाउनलोड न करें
- बैंक, पुलिस या सरकारी अधिकारियों से आने का दावा करने वाले काल, संदेशों की प्रामाणिकता की हमेशा पुष्टि करें
- किसी भी साइबर वित्तीय धोखाधड़ी की तुरंत 1930 पर रिपोर्ट करें
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