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क्राइम ब्रांच ओलंपियन सुशील कुमार व उसके सहयोगी अजय पर लगाएगी एक और नई धारा, जानिए क्या है वो

सुशील व अन्य के खिलाफ पुलिस अब सुबूत नष्ट करने की धारा भी लगाने पर विचार कर रही है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि सुशील जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। छत्रसाल स्टेडियम से भी उसने चार मई की रात सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर लेकर चला गया था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 12:06 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 12:06 PM (IST)
सुशील व अन्य के खिलाफ लग सकती है सुबूत नष्ट करने की भी धारा।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड मामले के मुख्य आरोपित ओलंपियन सुशील कुमार व उसके सहयोगी अजय सहरावत को क्राइम ब्रांच की टीम सोमवार को जांच के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार व ऋषिकेश ले गईं। पुलिस को पता चला था कि सुशील घटना के अगले दिन हरिद्वार स्थित एक आश्रम व उसके बाद ऋषिकेश गया था। वहां उसने सागर व अन्य पहलवानों की पिटाई के दौरान पहने कपड़े और अपने मोबाइल फोन छिपा दिए थे अथवा फेंक दिये थे। उक्त दोनों महत्वपूर्ण साक्ष्यों की बरामद करने के मकसद से पुलिस दोनों को वहां लेकर गई थी, लेकिन न तो मोबाइल फोन मिला और न कपड़े। पुलिस उन्हें लेकर शाम को वापस दिल्ली लौट आई।

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सूत्रों की मानें तो सुशील व अन्य के खिलाफ पुलिस अब सुबूत नष्ट करने की धारा भी लगाने पर विचार कर रही है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि सुशील जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। छत्रसाल स्टेडियम से भी उसने चार मई की रात सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर लेकर चला गया था। सागर व अन्य की बेरहमी से पिटाई करने की पूरी तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई थी। इसलिए उसने जानबूझ कर डीवीआर लेकर चला गया था। पुलिस को शक है कि उक्त डीवीआर को भी उसने कहीं फेंक दिया अथवा छिपा दिया है। जांच से पता चला था कि स्टेडियम में मारपीट करने से पहले सुशील ने कुख्यात नीरज बवाना व असोदा गैंग के सभी आरोपित बदमाशों को बापरौला स्थित घर पर बुलाया था। वहां उसने घटना को लेकर बैठक की थी। सुशील ने अपने घर मे लगे डीवीआर को भी गायब कर दिया है। अजय सहरावत ने भी अपना मोबाइल फोन छिपा दिया है। अजय को सुशील ने ही स्टेडियम में सरकारी शिक्षक के तौर पर नौकरी पर रखवाया था। वह वहां शारीरिक व्यायाम का शिक्षक है।

सुशील उसी के जरिए स्टेडियम में सारे उल्टे सीधे काम कराता था। बक्करवाला का रहने वाला अजय के पिता वहां से कांग्रेस का निगम पार्षद बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि घटना के बाद 18 दिनों तक सुशील, अजय के साथ जहां तहां भागता रहा। साथ ही फरार रहने के दौरान वह सुबूत भी नष्ट करने का काम करता रहा। ऐसा करने से उसने अपने लिए और भी मुश्किलें बढ़ा ली है। उसके खिलाफ पर्याप्त सुबूत जुटा लिए गए हैं। ऐसे में उसे सजा से बच पाना बेहद मुश्किल होगा।


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