प्रेम विवाह की दुश्मनी में दो हत्याएं... अब पैरोल जंपर गिरफ्तार, 6 साल से चल रहा था फरार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने प्रेम विवाह के कारण हुई दो हत्याओं के दोषी नौशाद को गिरफ्तार किया है। आजीवन कारावास की सजा काट रहा नौशाद पैरोल मिलने के बाद छह साल से फरार था। 2006 में प्रेम विवाह के चलते नौशाद और उसके साथियों ने एक परिवार पर हमला किया था जिसमें दो लोगों की हत्या हो गई थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में प्रेम विवाह को लेकर उपजी दुश्मनी में दाे हत्याएं करने वाले आरोपी को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। आजीवन कारावास की सजा काट रहा आरोपी पैरोल मिलने के बाद पिछले छह वर्षों से फरार था।
आरोपी की पहचान जनता कॉलोनी, वेलकम के नौशाद के रूप में हुई है। 2019 में दो हफ्ते की पैरोल मिलने के बाद वह फरार हो गया था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लोनी गाजियाबाद में रह रहा था।
उपायुक्त संजीव कुमार यादव के मुताबिक, शनिवार को हेड कांस्टेबल ललित चौधरी को आरोपी के बारे में गुप्त जानकारी मिली। जांच करने पर पता चला कि नौशाद पैरोल जंप करने के बाद फरार हो गया था और वर्तमान में लोनी देहात में रह रहा है। तकनीकी निगरानी से उसके स्थान का पता लगाया गया और उसे पकड़ने के लिए इंस्पेक्टर के.के. शर्मा के नेतृत्व में छापेमारी टीम गठित की गई।
वहीं, टीम ने जाल बिछाते हुए शादतपुर एक्सटेंशन, डीपीए वजीराबाद के पास, मेन पुश्ता रोड से नौशाद को गिरफ्तार कर लिया।
27 मार्च 2006 को, जनता कालोनी, वेलकम में झगड़े की सूचना पुलिस को मिली थी। मौके पर पहुंचने पर पता चला कि पप्पू (शिकायतकर्ता मोहम्मद इमरान का भाई) और अनीशा (मां) के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और हीना (बहन) को चाकू के कई घावों से गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था।
वहीं, जांच करने पर पता चला कि पड़ोसी नौशाद, दिलशाद, इसरार, हसीन, रानू, शमीम और एक किशोर की पीड़ितों के परिवार के साथ लंबे समय से दुश्मनी थी, जो 2006 की शुरुआत में आरोपित शमीम की बेटी और कई सह-आरोपितों की बहन शबनम और शिकायतकर्ता के भाई इशरत के बीच हुए प्रेम विवाह से उपजी थी।
इस शादी का शबनम के परिवार ने कड़ा विरोध किया था और बार-बार धमकियां दीं। घटना वाले दिन आरोपित पीड़ितों के घर में जबरन घुस गए, पप्पू और अनीशा को करीब से गोली मार दी और हीना पर चाकू से हमला किया।
यह भी पढ़ें- कारोबारी के घर लाखों की चोरी करने वाला नौकर गिरफ्तार, पुलिस पूछताछ में खोले बड़े राज
26 जुलाई 2013 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपितों को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। मई 2019 में, आरोपित नौशाद को दिल्ली जेल प्राधिकरण द्वारा दी गई पैरोल पर रिहा कर दिया गया और वह आत्मसमर्पण करने के बजाय फरार हो गया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।