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    हिमांशु भाऊ गैंग का कुख्यात बदमाश अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार, पूछताछ में कबूली गंभीर बात

    दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने मोहन गार्डन में हुई हत्या के मामले में हिमांशु भाऊ गिरोह के एक सदस्य सुमित को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी। आरोपी के पास से एक पिस्तौल बरामद हुई है। सुमित ने पूछताछ में हत्या की साजिश में शामिल होने की बात कबूली है। उसने बताया कि हत्या में इस्तेमाल मोटरसाइकिल उसने ही खरीदी थी।

    By mohammed saqib Edited By: Rajesh Kumar Updated: Wed, 27 Aug 2025 06:11 PM (IST)
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    हत्या के मामले में हिमांशु भाऊ गिरोह के एक सदस्य, सुमित को गिरफ्तार किया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मोहन गार्डन थाने में दर्ज हत्या के एक मामले में वांछित हिमांशु भाऊ गिरोह के एक सदस्य को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इस हत्या की जिम्मेदारी हिमांशु भाऊ गिरोह ने ली थी। पुलिस ने उसके कब्जे से एक पिस्तौल और तीन कारतूस बरामद किए हैं।

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    आरोपी की पहचान जींद, हरियाणा निवासी सुमित के रूप में हुई है। 4 अगस्त को मोटरसाइकिल सवार तीन अज्ञात हमलावरों ने मोहित डागर पर कई गोलियां चलाईं और फरार हो गए। मोहित को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

    जांच के दौरान अमन समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में पता चला कि अमन के गांव का ही एक अन्य आरोपी सुमित भी इस अपराध में शामिल था और तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

    पुलिस उपायुक्त हर्ष इंदौरा के अनुसार, 26 अगस्त को हेड कांस्टेबल सुमित, हेड कांस्टेबल अजय और कांस्टेबल योगेंद्र को गुप्त सूचना मिली थी कि हिमांशु भाऊ गिरोह का एक सदस्य नरेला-बवाना रोड पर किसी से मिलने आने वाला है।

    यह भी बताया गया था कि उसके पास एक अवैध बंदूक हो सकती है। सूचना पर, एसीपी नरेंद्र सिंह की देखरेख और इंस्पेक्टर संदीप स्वामी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और टीम ने सूचना के आधार पर जाल बिछाया और सुमित को अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया।

    पूछताछ के दौरान, आरोपी ने मोहन गार्डन थाने में दर्ज एक हालिया हत्या की साजिश में अपनी संलिप्तता कबूल की और बताया कि इससे पहले वह हथियार रखने के एक मामले में गिरफ्तार हुआ था और तभी जेल में हिमांशु उर्फ ​​भाऊ गिरोह के सदस्यों के संपर्क में आया था।

    रिहाई के बाद, सुमित और उसके दोस्त अमन ने गिरोह के सदस्यों रमन उर्फ ​​फौजी, करण और पोंगी के साथ संपर्क बनाए रखा। 2 अगस्त को गिरोह के सदस्य हथियार लेकर उसके गांव पहुंचे और सुमित और अमन से दिल्ली में एक हत्या के लिए मोटरसाइकिल का इंतजाम करने को कहा।

    वे मोटरसाइकिल का इंतजाम नहीं कर पाए, लेकिन अमन के आधार कार्ड का इस्तेमाल करके एक मैकेनिक से मोटरसाइकिल खरीद ली। इस मोटरसाइकिल का इस्तेमाल मोहन गार्डन थाना क्षेत्र में हुई हत्या में किया गया था। सुमित ने यह भी बताया कि बरामद पिस्तौल उसे रमन ने छिपाने के लिए दी थी।