Crime Against Women: पिछले साल हर दिन औसतन छह महिलाएं हुईं दुष्कर्म की शिकार, 2021 के मुकाबले बढ़ा अपराध
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखने वाली दिल्ली पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद राजधानी में वर्ष 2022 में रोजाना छह महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ है। तो वहीं सात महिलाएं छेड़छाड़ का शिकार हुई हैं। वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में दुष्कर्म की घटनाओं में मामूली बढ़ोतरी भी दर्ज की गई। महिला हेल्पलाइन 1091 संकट में महिलाओं तक पहुंचने के लिए 24 घंटे कार्य कर रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। महिला सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखने वाली दिल्ली पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद राजधानी में वर्ष 2022 में रोजाना छह महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ है। तो वहीं सात महिलाएं छेड़छाड़ का शिकार हुई हैं। वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में दुष्कर्म की घटनाओं में मामूली बढ़ोतरी भी दर्ज की गई।
महिलाओं के सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस ने उठाए हैं कई कदम
महिला हेल्पलाइन 1091 संकट में महिलाओं तक पहुंचने के लिए सितंबर, 2002 से 24 घंटे की हेल्पलाइन 1091 कार्य कर रही है। इस हेल्पलाइन पर आने वाली सभी काल को सुनने के लिए अलग से विशेष महिला पुलिस मोबाइल टीम को लगाया गया है। यह टीम 24 घंटे काम करती है।
एंटी-स्टॉकिंग सर्विस
दिल्ली में महिलाओं को होने वाली मुख्य समस्याओं में अनचाहे काल और मोबाइल फोन पर इंटरनेट मीडिया के जरिए उन्हें परेशान किए जाने की है। महिलाओं की इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली पुलिस की सीपीसीआर में एक विशेष एंटी-स्टाकिंग ग्रुप काम करता है। 24 घंटे काम करने वाला यह ग्रुप कॉल करने के मामले में तत्काल कार्रवाई करता है।
हिम्मत प्लस ऐप
महिलाओं के लिए हिम्मत प्लस एप छह फरवरी 2018 को फिर से लांच किया गया। एप को द्विभाषी बनाया गया है। टैक्सी, ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा के चालकों के क्यूआर कोड को स्कैन करके उसके बारे में सभी जानकारी एप का प्रयोग करने वाले को मिल जाती है।
तत्पर
दिल्ली पुलिस द्वारा सितंबर 2019 में अपनी सेवाएं लोगों को देने के लिए एक डिजिटल पहल शुरू की गई। दिल्ली पुलिस की सभी वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन को इस एप में शामिल किया गया है। 50 से अधिक सेवाओं को एक टच के जरिए प्रयोग किया जा सकता है।
महिला पीसीआर वैन
दिल्ली पुलिस की इस योजना के तहत चालकों से लेकर सभी स्टाफ जो पीसीआर में तैनात रहता है, वे सिर्फ महिलाएं हैं।
सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग
महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष पुलिस यूनिट द्वारा वर्ष 2002 में आत्म-रक्षा प्रशिक्षण शुरू किया गया था। इसमें महिलाओं को मार्शल आर्ट की तकनीकों के प्रदर्शन और प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाया जाता है।
शिष्टाचार
इस योजना के तहत बदमाशों पर नजर रखने के लिए महिला पुलिस अधिकारी सादे कपड़ों में बाजार, मेट्रो स्टेशन, सिनेमा हाल और बस स्टैंड जैसे व्यस्त स्थानों पर तैनात रहते हैं। अनुचित व्यवहार करते हुए या छेड़छाड़ करते हुए पकड़े जाने वाले लोगों को तत्काल कार्रवाई के लिए थाने ले जाया जाता है।
पिंक बूथ
महिलाओं की शिकायतों को सुनने के लिए दिल्ली में 139 पिंक बूथ बनाए गए हैं। इन बूथ पर महिलापुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।