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    दिल्ली में क्रेडिट कार्ड रिवार्ड प्वॉइंट रिडीम कराने के नाम पर ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 05:37 PM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने क्रेडिट कार्ड रिवार्ड प्वॉइंट्स के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने एक महिला सीए छात्र और पूर्व बैंक कर्मचारी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ये जालसाज बैंक कर्मचारी बनकर लोगों को रिवार्ड प्वॉइंट्स रिडीम कराने का लालच देते थे और उनसे जानकारी लेकर ठगी करते थे। पुलिस ने उनसे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज बरामद किए हैं।

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    रिवार्ड प्वाॅइंट रिडीम कराने के बहाने ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश।

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने क्रेडिट कार्ड रिवार्ड प्वाॅइंट रीडिम कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया है।

    आरोपितों में एक महिला सहित सीए का छात्र व पूर्व बैंक कर्मचारी भी शामिल है। यह लोग उत्तम नगर मोहन गार्डन के फ्लैट से ठगी कर रहे थे।

    पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि जालसाजों की पहचान मदनपुर डबास निवासी मोहम्मद अहमद, नांगलोई निवासी कौशल कुमार, जहांगीर पुरी निवासी अतुल कुमार, सनी कुमार सिंह और निहाल विहार निवासी एक महिला के रूप में हुई है।

    पुलिस ने इनसे 10 स्मार्टफोन, सिमकार्ड, ब्राडबैंड, सात बैंक खाता किट, विभिन्न फर्मों के 10 स्टाम्प, पीओएस मशीन और सात क्यूआर कोड स्कैनर बरामद किए हैं। ये जालसाज खुद को बैंक का कर्मचारी बताकर पीड़ितों से संपर्क करते थे।

    फिर क्रेडिट कार्ड रिवार्ड प्वाॅइंट रिडीम करने का झांसा देकर गोपनीय जानकारी ले लेते थे। इसके बाद कार्ड से ट्रांजेक्शन कर नो ब्रोकर ऐप के जरिए विभिन्न खातों में पैसा ट्रांसफर कर लेते थे।

    पालम के पीड़ित से ठगे थे 96 हजार रुपये

    20 जून को पालम निवासी व्यक्ति ने ठगी की शिकायत दी थी कि उनके पास एक नंबर से काॅल आई थी। उसने खुद को निजी बैंक का कर्मचारी बताया। जालसाज ने रिवार्ड प्वाॅइंट रिडीम कराने के बहाने पीड़ित से उसके क्रेडिट कार्ड के अंतिम 4 अंकों सहित उसके खाते की जानकारी ले ली।

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    इसके बाद पीड़ित के कार्ड से 96 हजार रुपये की ट्रांजेक्शन कर ली। साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की टीम ने संबंधित धारा में केस दर्ज कर जांच शुरू की। पता चला कि ठगों ने नो ब्रोकर मर्चेंट रेमिटर ऐप के माध्यम से ठगी की रकम यस बैंक के एक खाते में जमा की थी।

    इसके बाद यह पैसा पहले इंडियन बैंक और फिर बाद में यूनियन बैंक के खाते में भेजा गया। फिर इसे एटीएम से निकाल लिया गया।

    पुलिस ने बैंक खाते में जुड़े मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर मोहन गार्डन इलाके में छापेमारी कर अतुल कुमार को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर अन्य जालसाजों को गिरफ्तार किया।

    सीए का छात्र सनी बनाता था मेल आईडी व जीएसटी प्रमाणपत्र

    पूछताछ अतुल ने बताया कि उसके परिचित सनी कुमार सिंह ने उसे कौशल कुमार से मिलवाया था। कौशल पहले कई बैंकों में काम कर चुका है। वह विभिन्न प्रकार के बैंक खाते खोलने जानता था। आरोपित सनी कुमार सिंह सीए के अंतिम वर्ष का छात्र है।

    वह बचत और चालू बैंक खाते खोलने के लिए मेल आईडी, जीएसटी प्रमाणपत्र बनाता था। मोहम्मद अहमद पहले काल सेंटरों में काम कर चुका था। वो ही पीड़ितों से मोबाइल पर बात करता था।

    ठगी करने के लिए किराये पर लिया था फ्लैट

    पुलिस के मुताबिक आरोपितों ने ठगी करने के लिए मोहन गार्डन इलाके में किराये पर एक फ्लैट लिया था। यहां पर इन्होंने फर्जी काॅल सेंटर खोला हुआ था।

    गिरोह में शामिल महिला का काम पीड़ितों को फंसाने, पैसों का हिसाब रखने और खातों के लेन-देन का था। आरोपित अतुल के नाम पर अतुलया एंटरप्राइजेज नाम की एक फर्म भी खोली गई थी ताकि चालू खाता खोला जा सके।

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