खत्म होगा दिल्ली-हरियाणा से गैंगस्टरों का आतंक, मकोका लगाने की तैयारी; हर माह रंगदारी के आते थे 7-8 कॉल
दिल्ली और हरियाणा में गैंगस्टरों के आतंक को खत्म करने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। रंगदारी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने गैंगस्टरों के गुर्गों पर मकोका लगाने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने का फैसला किया है। दिल्ली और हरियाणा में 58 ठिकानों पर छापेमारी की गई है ताकि गैंगस्टरों के नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ा जा सके।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों से गैंग्स्टरों के आतंक ने दिल्ली व हरियाणा के व्यापारियों व कारोबारियों का जीना मुहाल कर रखा है। रंगदारी की धमकियों से कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मानते हैं हर माह सात से आठ काल रंगदारी के आने लगे थे। इसे देखते हुए इनकी कमर तोड़ने की रणनीति तैयार की गई है।
इसके तहत छापेमारी की गई है। अब इन गैंग्स्टरों के गुर्गों पर मकोका भी लगाया जाएगा। इनकी संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों काे उम्मीद है कि इससे रंगदारी मांगने वाले गिरोह पर काफी हद तक अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
पुलिस का कहना है कि दिल्ली व हरियाणा में जिन 58 ठिकानों पर छापेमारी की गई है, वे गैंग्स्टरों से जुड़े बेहद खास लोगों के हैं।
गैंग्स्टरों से जुड़े बदमाशों के अलावा उनके फाइनेंसर, गिरोह के बदमाशों को अवैध हथियार, कारतूस, वाहन मुहैया कराने वाले लोग, बदमाशों को शरण देने वाले, हवाला के जरिये पैसे पहुंचाने वाले, गैंग्स्टरों के लिए मुखबिरी करने, उनके घरों पर सामान पहुंचाने, जेलों में मुलाकात करने व किसी न किसी अन्य तरीके से मदद करने वाले लोग शामिल हैं।
पुलिस का मानना है कि गैंग्स्टरों की चैन को पूरी तरह से ताेड़ देने पर इनके आतंक पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। इसी मकसद से अब दिल्ली पुलिस गैंग्स्टरों के खिलाफ दिल्ली व हरियाणा में बड़े आपरेशन चलाने का निर्णय किया है। पुलिस की आगे की रणनीति गैंग्स्टरों से जुड़े तमाम लाेगों पर मकोका लगाने की भी है ताकि किसी गिरोह से जुड़ने अथवा उन्हें मदद करने के लिए लोग हिम्मत नहीं जुटा पाए।
मकोका में लंबे समय तक लोगों को जेल में रहना पड़ता है। उन्हें जमानत नहीं मिलती है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि गैंग्स्टरों पर अब चारों तरफ से शिकंजा कसने की योजना है। गैंग्स्टर जेलों में रहकर भी कॉरपोरेट कंपनी की तरह मोबाइल से रंगदारी रैकेट चला रहे थे और अपने गिरोहों का संचालन कर रहे थे।
कई माह से जेलों से माेबाइल के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लग चुकी है। वहीं कुछ गैंग्स्टर मर चुके हैं। लेकिन उनके नाम पर गिरोह अब भी चल रहा है।
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