दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को हाई कोर्ट ने लगाई फटकार, पूछा- क्या अदालत आए बगैर नहीं होगा काम
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्वी दिल्ली में दूषित पानी की आपूर्ति पर दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की खिंचाई की है। अदालत ने सीवेज मिश्रित जलापूर्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए डीजेबी को अगस्त 2025 तक पाइपलाइन बदलने का निर्देश दिया है। डीजेबी ने पुरानी पाइपलाइनों और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के कार्यों के बारे में जानकारी दी। अदालत ने बूस्टर पंपों के उपयोग पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : देश की राष्ट्रीय राजधानी में सीवेज मिला पानी आने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली जल बाेर्ड (DJB) के अधिकारियों को फटकार लगाई।
मामले में DJB द्वारा दाखिल की गई स्थिति रिपोर्ट पर गौर करने के बाद अदालत ने पूछा कि अधिकारी नागरिकों से सीवेज मिश्रित पानी पीने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने पूछा कि क्या जब तक कोई अदालत के दरवाजे नहीं जाएगा, अधिकारी इसे दुरुस्त नहीं करेंगे?
अदालत ने यह टिप्पणी तब की, जब दो जुलाई को दिए गए निर्देश पर डीजेबी ने स्थानीय क्षेत्रों का निरीक्षण कर स्थिति रिपोर्ट पेश की।
दो जुलाई को निरीक्षण करने का दिया गया था आदेश
दो जुलाई को पीठ ने अधिकारियों को संबंधित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए कहा था। डीजेबी ने पीठ को सूचित किया कि एजेंसी ने योजना विहार क्षेत्र में जल आपूर्ति पाइपलाइनों को बहुत पुराना पाया और उन्हें बदलने की आवश्यकता है।
डीजेबी ने कहा कि याचिकाकर्ता ध्रुव गुप्ता के घर और आसपास के क्षेत्रों सहित कई घरों के कनेक्शनों में पुरानी और क्षतिग्रस्त जल आपूर्ति पाइप हैं।
डीजेबी ने कहा कि पाइपों को बदलने के लिए सात जुलाई तक निविदा आमंत्रित की जाएगी और 17 जुलाई तक अनुबंध दिया जाएगा। यह भी बताया कि परियोजना को अनुबंध की तारीख से 20 दिनों में पूरा करने का प्रस्ताव है।
अदालत ने कहा- विफलता को गंभीरता से लेंगे
डीजेबी के जवाब पर पीठ ने निर्देश दिया कि इन घरों और उसके आसपास पुरानी और क्षतिग्रस्त जलापूर्ति पाइपों को बदलने से संबंधित कार्य किसी भी स्थिति में अगस्त 2025 तक पूरा किया जाना चाहिए। पीठ ने यह चेतावनी दी कि कार्य में किसी भी विफलता को अदालत द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा।
याचिकाकर्ता ध्रुव गुप्ता ने याचिका में कहा कि पूर्वी दिल्ली के योजना विहार, आनंद विहार, जागृति एन्क्लेव और अन्य निकटवर्ती क्षेत्रों में सीवेज युक्त जलापूर्ति की जा रही है।
35 वर्ष पहले बिछाई गई थी पेयजल लाइन
सुनवाई के दौरान डीजेबी ने यह भी बताया कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में डिसिल्टिंग कार्य चल रहा है और अगस्त तक पूरा हो जाएगा।
डीजेबी ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि योजना विहार में जल वितरण पाइपलाइन 35 साल पहले स्थापित की गई थी और इसका समय पूरा हो चुका है।
डीजेबी ने जल वितरण नेटवर्क के प्रतिस्थापन से संबंधित कार्य करने और बजट की उपलब्धता के आधार पर क्षतिग्रस्त खंडों को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया।
जल नेटवर्क की समयसीमा के साथ पेश करें हलफनामा
अदालत ने डीजेबी को निर्देश दिया कि हलफनामा दाखिल कर बताया जाए कि कितनी समयसीमा में पूरे जल वितरण नेटवर्क पूरा किया जाएगा।
पीठ ने निर्देश दिया कि यह जांचने के लिए उचित उपाय करें कि क्षेत्र के निवासियों द्वारा गैर-आपूर्ति घंटों के दौरान बूस्टर पंप का उपयोग न किया जाए और यदि कोई निवासी इसमें लिप्त पाया जाता है, तो इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए। मामले में आगे की सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
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