Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Riots 2020: उमर खालिद को जमानत देने से कोर्ट ने किया इनकार, लगे हैं कई गंभीर आरोप

    दिल्ली दंगे की साजिश के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत अर्जी कड़कड़डूमा कोर्ट ने ठुकरा दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की कोर्ट बृहस्पतिवार को यह फैसला सुनाया।

    By Jp YadavEdited By: Updated: Thu, 24 Mar 2022 01:09 PM (IST)
    Hero Image
    Delhi Riots 2022: उमर खालिद को जमानत से दिल्ली की कोर्ट ने किया इनकार, लगे हैं कई गंभीर आरोप

    नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में आरोपित उमर खालिद को दिल्ली की कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई के दौरान पूर्वी दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित उमर खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया। उमर खालिद पर दिल्ली दंगों की साजिश रचने समेत कई गंभीर आरोप है और वह गिरफ्तारी के बाद से लगातार जेल में ही बंद है। इससे पहले हुई सुनवाई में तीन मार्च को कोर्ट ने जमानत पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दो मामलों में उमर खालिद आरोपित है। उस पर दंगों की साजिश रचने और इस दौरान दिल्ली से अन्यत्र रहने का आरोप है, ताकि संदेश उस पर नहीं आए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि दिल्ली दंगे की साजिश के आरोप में यूएपीए के तहत जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट ने पिछली सुनवाई में इस पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था। वहीं, उमर पर लगे आरोपों को उसका वकील निराधार बता चुका है, वहीं अभियोजन पक्ष कह चुका है कि उमर ने खामोशी के साथ साजिश रची थी।

    दिल्ली हाईकोर्ट अधिवक्ता ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में दंगों के दौरान उमर खालिद समस्तीपुर से नताशा नरवाल के लगातार संपर्क में था और उसे दिशानिर्देश दे रहा था।

    इतना ही नहीं, उमर खालिद दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप (डीपीएसजी) का सदस्य था। वह शाहीन बाग और सीलमपुर में हुई गोपनीय बैठक में शामिल हुआ। वह अन्य आरोपितों के लगातार संपर्क में था। उसके भाषण और विभिन्न गवाहों के बयानों से साजिश में उसकी भूमिका साफ झलकती है। आरोपित खालिद सैफी के संबंध में कहा कि उसने अपने एनजीओ के खाते में दंगे के लिए रुपये लिए। यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ग्रुप में शामिल होने के अलावा वह खुरेजी धरना स्थल पर शामिल रहा।