जमीन के बदले नौकरी घोटाला: तेजस्वी के रिश्तेदारों ने कहा- सिर्फ पारिवारिक रिश्ते की वजह से CBI ने किया टारगेट
जमीन के बदले नौकरी घोटाले में बचाव पक्ष ने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सीबीआई ने चुनिंदा लोगों को ही आरोपी बनाया है जबकि उसी भर्ती प्रक्रिया में शामिल अन्य उम्मीदवारों को छोड़ दिया गया है। तेजस्वी यादव के रिश्तेदारों की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि उनका अपराध केवल लालू प्रसाद यादव से रिश्ता होना है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में बचाव पक्ष ने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि एजेंसी ने चुनिंदा लोगों को ही आरोपित बनाया, जबकि उसी भर्ती प्रक्रिया में शामिल कई अन्य उम्मीदवारों को छोड़ दिया गया।
सुनवाई के दौरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के रिश्तेदार सुनील यादव और संतलाल यादव की ओर से उनके अधिवक्ता अर्पिता रावत, रोहिणी राणा और दिग्विजय रावत ने दलीलें पेश कीं।
बचाव पक्ष ने अदालत को बताया कि दोनों आरोपित बेहद साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं और उनका एकमात्र अपराध यह है कि वे लालू प्रसाद यादव के रिश्तेदार हैं। अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि सीबीआइ ने जानबूझकर राजनीतिक परिवार से जुड़े नामों को चुनकर अभियोजन चलाया।
बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि अगर लालू प्रसाद यादव ने रिश्तेदारों को विशेष लाभ पहुंचाना चाहा होता, तो उन्हें उच्च पद दिए जाते। बेहतर क्वालिफिकेशन होने के बावजूद उन्हें सिर्फ ग्रुप डी नौकरी दी गई, जो अपने आप में अनुचित लाभ की थ्योरी को कमजोर करता है।
अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि जांच एजेंसी का रवैया पिक एंड चूज जैसा रहा है। उनका कहना था कि जिस प्रक्रिया से अन्य उम्मीदवारों की नियुक्ति हुई, उनमें से अधिकांश को सीबीआइ ने छोड़ दिया और चुनिंदा नामों को ही आरोपित बनाया गया।
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