Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ करप्शन का केस बंद... कोर्ट ने कहा- सीबीआई को नहीं मिला कोई सुबूत

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 06:32 PM (IST)

    दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट को अदालत ने स्वीकार कर लिया है। अदालत ने कहा कि जांच में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला। कोर्ट ने यह भी कहा कि लंबी जांच के बाद भी कोई सबूत नहीं मिलने से आगे कार्यवाही का कोई फायदा नहीं है।

    Hero Image
    पीडब्ल्यूडी में भ्रष्टाचार के आरोपों से पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को राहत।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लोक निर्माण विभाग (PWD) में पेशेवरों की अनियमित नियुक्ति और परियोजना निधि से भुगतान के आरोपों पर दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ दर्ज सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने स्वीकार कर लिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विशेष न्यायाधीश दिगविनय सिंह ने कहा कि कई वर्षों की जांच के बावजूद आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम या किसी अन्य अपराध के तहत आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई सुबूत नहीं मिला।

    इतने लंबे समय बाद भी कोई सुबूत नहीं मिला, ऐसे में आगे की कार्यवाही किसी काम की नहीं है। कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रविधानों को लागू करने के लिए कुछ सामग्री तो होनी ही चाहिए। केवल कर्तव्य की उपेक्षा या कर्तव्य का अनुचित प्रयोग ही अधिनियम के तहत उल्लंघन नहीं माना जा सकता।

    दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय की एक शिकायत के आधार पर सत्येंद्र जैन और अन्य लोक निर्माण विभाग अधिकारियों के खिलाफ 2018 में प्राथमिकी की गई थी।

    आरोप है कि जैन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने भर्ती और वित्तीय नियमों का उल्लंघन करते हुए सलाहकारों की एक क्रिएटिव टीम की अनियमित रूप से नियुक्ति की गई थी।

    यह भी आरोप लगाया गया था कि भर्ती प्रक्रिया में मानक भर्ती प्रक्रियाओं को दरकिनार कर दिया गया था और वित्त विभाग की मंज़ूरी के बिना बारापुला फेज-तीन जैसी असंबंधित परियोजनाओं पर खर्च कर दिया गया था।

    लगभग चार वर्षों तक मामले की जांच करने के बाद सीबीआई को कोई आपराधिक मामला या व्यक्तिगत लाभ, रिश्वतखोरी के सुबूत नहीं मिले।

    सीबीआई की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि यदि किसी के खिलाफ कोई नई सामग्री प्राप्त होती है तो सीबीआई मामले की आगे जांच करने व उचित कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी।

    यह भी पढ़ें- Delhi Vidhan Sabha : ई-विधान हो चुकी दिल्ली विधानसभा में ऑपरेशन सिंदूर और महादेव पर हंगामा, बुलाने पड़े मार्शल