Coroanvirus Lockdown: खतरों के खिलाड़ी न बनें, घर में रहें सुरक्षित: प्रो. रमा शर्मा
Coroanvirus Lockdown प्रो. रमा को किताबें लिखना खूब पसंद है। अब तक वह 20 किताबें लिख चुकी हैं। पिछले वर्ष सितंबर में उनकी किताब हिंदी सिनेमा में साहित्यिक विमर्श का विमोचन हुआ था।
नई दिल्ली [राहुल मानव]। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज की प्राचार्य प्रो. रमा शर्मा लॉकडाउन के समय में अपने कॉलेज के छात्रों की हर दुविधा भरे प्रश्न का उत्तर देने के साथ ही किताब लेखन भी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मेरा जीवन आम दिनों में बीतता था, ठीक उसी तरह से लॉकडाउन में भी व्यतीत हो रहा है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लोगों को कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचाने के लिए लागू किया गया है। लोग खतरों के खिलाड़ी न बनें, सिर्फ अपने घरों में रहकर सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के साथ भी वक्त बिताने का समय मिल रहा है। मैं पूरी कोशिश कर रही हूं कि सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का खाना परिवार के साथ करूं।
प्रो. रमा के परिवार में उनके पति और दो बेटे हैं। उनका एक बेटा मेडकिल की पढ़ाई कर रहा है और दूसरा बेटा अमेरिका में रहता है। उनके पति नैनीताल की कुमाऊं विश्वविद्यालय में जियोलॉजी के प्रोफेसर हैं। वे रात के समय में समय निकाल कर अमेरिका में रह रहे अपने बड़े बेटे से भी बात करती हैं।
प्रो. रमा ने बताया कि वे विकासपुरी में रहती हैं और उन्हें हर दिन लॉकडाउन से पहले घर से नॉर्थ कैंपस आने-जाने में तीन घंटे का समय लगता था, लेकिन अब यह समय छात्रों के साथ संवाद और अन्य कामों में बीतता है।
छात्रों और उनके अभिभावकों से भी कर रहीं हैं संवाद
प्राचार्य के तौर पर लॉकडाउन की अवधि में प्रो. रमा शर्मा के पास हर दिन छात्रों और अभिभावकों के कई सवाल आते हैं। कॉलेज के तीसरे वर्ष के सबसे अधिक सवाल छात्र से पूछ रहे हैं। प्रो. रमा शर्मा ने कहा कि इस अस्थिरता के बीच इन्हें सकारात्मकता से जवाब देकर इनकी परेशानियों का हल किया जा रहा है।
कुछ ऐसे भी अभिभावक हैं जो अपने छात्रों को कक्षाओं में बैठकर परीक्षा देते हुए फिर से देखना चाहते हैं और अब उन्हें इससे जुड़े सपने भी आ रहे हैं। प्रो. रमा हर रोज सुबह 11 से 1 बजे तक कॉलेज के छात्रों से फोन व ऑनलाइन माध्यम से संवाद करती हैं और वह पत्रकारिता के छात्रों के कुछ पाठ्यक्रम को भी पढ़ाती हैं।
किताब लिखना पसंद करती हैं प्रो. रमा
प्रो. रमा को किताबें लिखना खूब पसंद है। अब तक वह 20 किताबें लिख चुकी हैं। पिछले वर्ष सितंबर में उनकी किताब हिंदी सिनेमा में साहित्यिक विमर्श का विमोचन हुआ था। अभी भी वह लॉकडाउन के समय में रात के समय कुछ समय निकाल कर किताब लिख रही हैं।
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