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    काॅप-30 के लिए एक ऐसा संतुलन खोजने की चुनौती, जो जलवायु प्रबंधन को मजबूत बनाए; एक्सपर्ट्स का एकजुटता पर जोर

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 09:25 PM (IST)

    नई दिल्ली में COP 30 को लेकर हुए एक संवाद में विशेषज्ञों ने एकजुटता और ग्लोबल साउथ के नेतृत्व पर जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि COP 30 में विभिन्न हितधारकों की अपेक्षाओं को संतुलित करना एक चुनौती है। उन्होंने कार्रवाई और परिणामों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई और कहा कि भारत और ब्राजील समाधानों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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    काॅप-30 को लेकर हुए संवाद में मौजूद विशेषज्ञ। जागरण

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र वार्षिक जलवायु सम्मेलन काॅन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (काॅप-30 ) को लेकर हुए एक संवाद में विशेषज्ञों ने एकजुटता और ग्लोबल साउथ के नेतृत्व पर जोर दिया है।

    काॅप-30 के नामित अध्यक्ष आंद्रे अराना कोया द लागो ने कहा कि काॅप-30 से विभिन्न हितधारकों जैसे नागरिक समाज, विकासशील, विकसित देश और व्यावसायिक समाज की अपनी-अपनी अपेक्षाएं हैं।

    काॅप-30 के लिए चुनौती यह है कि एक ऐसा संतुलन खोजा जाए, जो जलवायु प्रबंधन को मजबूत बनाए। हमारे पास पहले से ही 500 से अधिक पहल और प्रतिज्ञाएं मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 300 अभी भी सक्रिय हैं।

    उन्होंने कहा कि काप 30 का आयोजन सिर्फ बातचीत के लिए नहीं बल्कि कार्ययोजना के माध्यम से परिणामों को प्रदर्शित करने के बारे में भी है, जो एकजुटता से ही संभव है।

    वे मंगलवार को काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) और ब्राजील के दूतावास द्वारा आयोजित संवाद ''काॅप 30 कन्वर्सेशंस: द अल्केमी ऑफ साॅलिडेरिटी'' पर अपना वक्तव्य दे रहे थे।

    इस संवाद को विश्व बैंक, कोएलिशन फार डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) इंडिया क्लाइमेट कोलैबोरेटिव, जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी और प्लेटाफार्मा सीआईपीओ के साथ साझेदारी में आयोजित किया गया।

    काप 30 की सीईओ एना टोनी ने कहा कि काप-30 चार स्तंभों पर टिका है - शिखर सम्मेलन, बातचीत, एक्शन एजेंडा और क्रियान्वयन के लिए वित्त जुटाना। पेरिस समझौते के बाद एक दशक की बातचीत और बाकू में नियम तैयार होने पर, अब इस बार वास्तविक निर्णयों का क्रियान्वयन होने की संभावना है।

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    इसके लिए न केवल राजनयिकों, बल्कि ऊर्जा, परिवहन, कृषि और अन्य मंत्रियों की भी आवश्यकता है, जो सभी पहलुओं से अच्छी तरह रुबरू हैं। इस काप को 1.3 ट्रिलियन अमेरिकी डाॅलर के वार्षिक लक्ष्य पर सहमत होकर, प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान को सक्षम करके उसे लागू करने की दिशा में बढ़कर एकजुटता को मजबूत बनाना चाहिए।

    संवाद का संचालन करते हुए, सीईईडब्ल्यू के संस्थापक-सीईओ और दक्षिण एशिया के लिए काॅप-30 के विशेष दूत डाॅ अरुणाभा घोष ने कहा कि वैश्विक सहयोग के लिए एक मुश्किल वर्ष में, एकजुटता आवश्यक है।

    भारत और ब्राजील इस समय के केंद्र में खड़े हैं, जो न केवल बातचीत, बल्कि समाधानों को भी आकार दे रहे हैं। जलवायु नेतृत्व केवल एक व्यक्ति के हाथों से पहना जाने वाला ताज नहीं है बल्कि इसमें इच्छा और एक साझे उद्देश्य के साथ सामूहिकता होनी चाहिए।

    हम द्विपक्षीय साझेदारियां और काम करने के लिए स्मार्ट गठबंधन कर सकते हैं। किसी काम को पूरा करना ही बहुपक्षवाद में विश्वास का फिर से निर्माण करेगा।

    उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (यूएनएफसीसीसीकॉप -30) का आयोजन 10 से 21 नवंबर 2025 के बीच ब्राजील के बेलेम शहर में किया जाएगा। यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने और जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देने पर केंद्रित रहेगा।

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