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Nirbhaya Case: डेथ वारंट के डर से एक दोषी विनय पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, दायर की क्यूरेटिव पेटिशन

2012 Delhi Nirbhaya case निर्भया मामले में चार में से एक दोषी विनय कुमार शर्मा ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को क्यूरेटिव पेटिशन दायर कर दी है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 11:36 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 12:05 PM (IST)
Nirbhaya Case: डेथ वारंट के डर से एक दोषी विनय पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, दायर की क्यूरेटिव पेटिशन
Nirbhaya Case: डेथ वारंट के डर से एक दोषी विनय पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, दायर की क्यूरेटिव पेटिशन

नई दिल्ली [माला दीक्षित]। 2012 Delhi Nirbhaya case: निर्भया मामले में चार में से एक दोषी विनय कुमार शर्मा ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को क्यूरेटिव पेटिशन दायर कर दी है। याचिका में फांसी की सजा को चुनौती दी गई है और फांसी पर रोक लगाने की मांग की गई है।

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बता दें कि 7 जनवरी (मंगलवार) को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों मुकेश कुमार, अक्षय ठाकुर, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता की फांसी के लिए डेथ वारंट जारी कर दिया है। कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता की याचिका पर डेथ वारंट जारी करते हुए फांसी की लिए 22 जनवरी की सुबह 7 बजे का समय तय किया है। 

बताया जा रहा है कि डेथ वारंट के बाद डरे चारों में से एक दोषी विनय कुमार शर्मा ने अपने वकील के जरिये सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन दायर की है। इस पर अगले कुछ दिनों में सुनवाई हो  सकती है।

दोषियों को सौंपी कोर्ट के फैसले की प्रति

इससे पहले तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से निर्भया के चारों दोषियों को पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले की प्रति सौंप दी गई थी। कहा जा रहा था कि वे इसे पढ़कर कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकते हैं वहीं, इस पर अमल करते हुए एक दोषी विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

उधर, जेल प्रशासन का कहना है कि यदि उन्हें फैसले की प्रति के किसी हिस्से को समझने में समस्या आती है तो जेल अधिकारी से मदद की मांग करने पर उन्हें समझाने में मदद करेंगे। दोषी अक्षय, पवन व मुकेश जेल संख्या दो में व विनय जेल संख्या चार में बंद है। चारों दोषियों के नाम से जारी डेथ वारंट जेल पहुंच चुका है। अब जेल मैनुअल के हिसाब से जो कार्य जरूरी हैं, वह किए जा रहे हैं। इनमें दोषियों की रोजाना स्वास्थ्य जांच, मानसिक स्थिति पर नजर, सुरक्षा में बढ़ोतरी जैसे कार्य शामिल हैं। इनकी दिनचर्या से जेल अधीक्षक व उप अधीक्षक को जेल कर्मचारी अवगत कराते रहते हैं।


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