Move to Jagran APP

AIIMS में सांसदों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था पर बढ़ा विवाद, डॉक्टरों ने कहा- बढ़ेगी असमानता

एम्स में सांसदों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था किए जाने के मामले पर विवाद बढ़ गया है। फोर्डा (फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन) एफएआइएमए (फेडरेशन आफ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन) सहित रेजिडेंट डाक्टरों के कई संगठनों ने एम्स प्रशासन के फैसले का कड़ा विरोध किया है।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Prateek KumarPublished: Thu, 20 Oct 2022 08:09 PM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2022 08:09 PM (IST)
AIIMS में सांसदों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था पर बढ़ा विवाद, डॉक्टरों ने कहा- बढ़ेगी असमानता
रेजिडेंट डाक्टरों के संगठन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर जताया विरोध।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। एम्स में सांसदों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था किए जाने के मामले पर विवाद बढ़ गया है। फोर्डा (फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन), एफएआइएमए (फेडरेशन आफ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन) सहित रेजिडेंट डाक्टरों के कई संगठनों ने एम्स प्रशासन के फैसले का कड़ा विरोध किया है। इसी क्रम में एफएआइएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर एम्स द्वारा सांसदों के इलाज के लिए की गई विशेष व्यवस्था और तैयार मानक प्रक्रिया को रद करने की मांग की है।

loksabha election banner

देश वीवीआइपी कल्चर के खिलाफ लड़ रहा

एफएआइएमए ने अपने पत्र में कहा है कि एक तरफ देश वीवीआइपी के खिलाफ लड़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आम मरीज बनकर सफदरजंग अस्पताल सहित कई अस्पतालों जीसीएचएस डिस्पेंसरी में चिकित्सा सुविधाओं का निरीक्षण किया था।

इलाज को लेकर प्रोटोकॉल में दो भाव 

वहीं, दूसरी तरफ एम्स में सांसदों के इलाज के लिए विशेष इंतजाम की मानक प्रक्रिया बनाई गई है। इससे पता चलता है कि एम्स प्रशासन खुद सांसदों व आम जनता के इलाज के प्रोटाकॉल को लेकर दो भाव रखता है। इस फैसले ने डाक्टरों की नैतिकता को प्रभावित किया है। कुछ को बेहतर और कुछ लोगों को कम इलाज की ऐसी नीति स्वीकार नहीं की जा सकती।

इलाज में बढ़ेगी असमानता

इलाज में असमानता बढ़ेगी, यह असमानता स्वीकार नहीं की जा सकती। इस तरह के आदेश डाक्टरों द्वारा ली जाने वाली शपथ के खिलाफ है। ऐसे आदेश से डाक्टरों के खिलाफ हिंसा करने वाले लोगों का उत्साह भी बढ़ता है। अध्ययन में यह पाया गया है कि डाक्टरों के खिलाफ हिंसा करने वाले करीब 80 प्रतिशत लोग नेताओं के करीबी होते हैं। आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता ने कहा कि रेजिडेंट डाक्टर इस तरह के वीवीआइपी कल्चर के खिलाफ हैं। डाक्टर इलाज में भेदभाव की नीति स्वीकार नहीं करेंगे।

दिल्ली- एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.