अखिलेश यादव के मस्जिद में बैठक पर गहराया विवाद, अब इस मुस्लिम संगठन ने कर दी बड़ी अपील
Akhilesh Yadav Mosque Meeting संसद मार्ग मस्जिद में अखिलेश यादव की बैठक पर विवाद बढ़ गया है। मुस्लिम संगठनों ने भी आपत्ति जताई है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने मस्जिद के इमाम को हटाने की मांग की है क्योंकि उन्होंने मस्जिद के अंदर समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ राजनीतिक बैठक की अनुमति दी थी। संगठन ने इसे इस्लाम के विरुद्ध और मस्जिद की पवित्रता भंग करने वाला बताया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।Akhilesh Yadav mosque meeting: संसद मार्ग स्थित मस्जिद में समाजवादी पार्टी मुख्य अखिलेश यादव द्वारा बैठक लेने के मामले में विवाद गहरा गया है। भाजपा के बाद मुस्लिम संगठनों ने भी आपत्ति जताई है।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने लोकसभा अध्यक्ष ओम प्रकाश बिरला तथा दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर संसद मार्ग स्थित मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को उनके पद से हटाने की मांग की है।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बैठक को इस्लाम विरुद्ध तथा मस्जिद की पवित्रता भंग करने का आरोप लगाया है। पत्र में कहा गया है कि मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ मस्जिद के भीतर एक राजनीतिक बैठक की।
जिसमें पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद रामगोपाल यादव, जिया उर रहमान बर्क और अन्य नेताओं ने भाग लिया। संगठन का कहना है कि मस्जिद जैसे पाक स्थल का राजनीतिक उपयोग कर उसकी पवित्रता को भंग किया गया है।
मौलाना रजवी ने अपने पत्र में लिखा कि मस्जिद के भीतर केवल इबादत की इजाजत होती है, न कि किसी राजनीतिक गतिविधि की। उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिद में केवल पाक लोग ही प्रवेश कर सकते हैं, जबकि मीटिंग में कुछ लोग अशोभनीय वस्त्र पहनकर आए, और महिलाओं ने भी भाग लिया, जो इस्लामिक परंपराओं के विरुद्ध है।
संगठन का कहना है कि मस्जिद का इस्तेमाल मुसलमानों की आस्था का प्रतीक है और इस तरह की घटनाएं संप्रदाय विशेष की भावनाओं को आहत करती हैं। इसी कारण उन्होंने मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को इमाम के पद से हटाने और भविष्य में किसी राजनीतिक विचारधारा से जुड़े व्यक्ति को इमाम न बनाने की मांग की है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि अगर इस पर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो इससे समुदाय की भावनाएं आहत होंगी और मस्जिद की गरिमा पर प्रश्नचिन्ह लगेगा।इस मामले को लेकर अब धार्मिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
लोकसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसके पूर्व इस बैठक पर भाजपा ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी। तथा सपा अध्यक्ष पर सांप्रदायिक सियासत करने का आरोप लगाया था।
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