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    'बाबरी मस्जिद दोबारा बनेगी...', JNU की दीवारों पर फिर लिखे गए विवादित स्लोगन

    By Jagran News Edited By: Sonu Suman
    Updated: Thu, 28 Dec 2023 03:04 PM (IST)

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक बार फिर विवादित स्लोगन लिखने का मामला सामने आया है। इसे भाषा अध्ययन केंद्र की दीवारों पर स्लोगन लिखा गया है। इसमें बाबरी मस्जिद दोबारा बनाने की बात कही गई है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के नाम के ऊपर यह स्लोगन लिखा गया है। एनएसयूआई ने इससे संबंध होने से इनकार किया है।

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    JNU की दीवारों पर फिर लिखे गए विवादित स्लोगन।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक बार फिर विवादित स्लोगन लिखने का मामला सामने आया है। भाषा अध्ययन केंद्र की दीवारों पर स्लोगन लिखा गया है। इसमें बाबरी मस्जिद दोबारा बनाने की बात कही गई है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के नाम के ऊपर यह स्लोगन लिखा गया है। एनएसयूआई ने इससे संबंध होने से इनकार किया है।

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    एनएसयूआई के जेएनयू इकाई के अध्यक्ष सुधांशु शेखर ने कहा कि संगठन का नाम काले मार्कर से पहले ही लिखा गया था। स्लोगन रेड मार्कर से बाद में लिखे गए हैं। हमारे संगठन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। जबकि ऐसे स्लोगन पर कड़ी कार्रवाई की मांग जेएनयू प्रशासन से हम करते रहे हैं। लेकिन, जेएनयू प्रशासन ऐसे मामलों में जांच को आगे नहीं बढ़ाता है। जबकि भाषा अध्ययन केंद्र के नीचे सीसीटीवी लगे हैं, उनके फुटेज खंगालकर भी आरोपितों तक पहुंचा जा सकता है।

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    अधिकारी को घटनाक्रम की जानकारी नहीं

    उन्होंने कहा कि लगता नहीं है कि जेएनयू प्रशासन का ऐसा कोई इरादा है। दूसरी ओर, जेएनयू के सुरक्षा अधिकारी नवीन ने घटनाक्रम की जानकारी होने से इनकार किया है। बता दें कि जेएनयू के भाषा अध्ययन केंद्र में ही विवादित स्लोगन लिखे जाते हैं। कुछ महीने पहले भी स्लोगन लिखे गए थे। उससे पहले जाति विशेष को लक्षित करते हुए स्लोगन लिखे थे। लेकिन, इन मामलों में कोई जांच नहीं हुई।

    स्लोगन लिखे जाने पर है 10 हजार का जुर्माना

    भाषा अध्ययन केंद्र के इस स्थान पर सीसीटीवी भी नहीं लगे हैं। ऐसे में उत्पाती तत्व इसका पूरा फायदा उठाते हैं। यह तब है जब कुछ दिनों पहले ही मुख्य प्रॉक्टर ने ऐसे विवादित स्लोगन लिखने पर 10 हजार रुपये तक का प्रविधान कर दिया है। तब भी ऐसे मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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