Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली के प्रदूषण में 23 प्रतिशत तक हुई पराली के धुएं की हिस्सेदारी, पंजाब में पिछले दो साल का टूटा रिकॉर्ड

    By sanjeev GuptaEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Fri, 06 Oct 2023 11:50 PM (IST)

    Delhi Air Pollution राष्ट्रीय राजधानी के वायु प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 23 प्रतिशत तक पहुंच गई है। आलम यह है कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने संबंधी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) हरियाणा और पंजाब सरकार के तमाम दावे इसके धुएं में ही हवा हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

    Hero Image
    उत्तर प्रदेश में भी पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी के वायु प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 23 प्रतिशत तक पहुंच गई है। आलम यह है कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने संबंधी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम), हरियाणा और पंजाब सरकार के तमाम दावे इसके धुएं में ही हवा हो रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तर प्रदेश में भी पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। आलम यह है कि हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में चार साल की सर्वाधिक घटनाएं सामने आ रही हैं तो पंजाब में पिछले दो साल का रिकार्ड टूट गया है। 2020 की तुलना में यहां जरूर कुछ कमी है।

    पराली का धुआं एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर की हवा को खराब करता हुआ दिख रहा है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हर साल धान की फसल के बाद उसके बचे हुए हिस्से को खेत में ही जला देने का चलन रहा है। खासतौर पर पंजाब और हरियाणा के खेतों में जलाई जाने वाली पराली से उठने वाला धुआं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दम घोंटता रहा है।

    नाकाफी साबित हुए तमाम उपाय

    पराली को जलाने से रोकने के लिए किए गए तमाम उपाय भी अभी तक नाकाफी साबित हुए हैं। इस साल भी 15 सितंबर से पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की जाने लगी थीं। छह अक्टूबर तक 1,160 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

    भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइएआरआइ) की रियल टाइम मानिटरिंग के मुताबिक अभी तक सर्वाधिक 845 मामले पंजाब में रिकार्ड हुए हैं। 209 मामलों के साथ हरियाणा दूसरे जबकि 106 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है। पराली जलाने के मामलों में इस माह और ज्यादा तेजी आने के आसार हैं।

    हैरत की बात यह है कि पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने को लेकर हाल ही में पंजाब और हरियाणा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को अपना एक्शन प्लान सौंपा था। इस प्लान में पंजाब ने जहां इस बार पराली जलाने की घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाने का दावा किया है वहीं हरियाणा ने पूरी तरह से रोक लगाने का भरोसा दिलाया था।

    तीन दिनों के दौरान दिल्ली के प्रदूषण में कितनी रही पराली के धुएं की हिस्सेदारी

    दिन               पराली के धुएं की हिस्सेदारी

    बुधवार                 17 प्रतिशत

    बृहस्पतिवार          12 प्रतिशत

    शुक्रवार                23 प्रतिशत

    (स्त्रोत : दिल्ली सरकार की रियल टाइम सोर्स अपार्शन्मेंट वेबसाइट आर-आसमान)

    15 से छह अक्टूबर के मध्य चार वर्षों के दौरान कहां कितनी जली पराली?

    राज्य       2020     2021        2022          2023

    पंजाब      1935      320         630             845

    हरियाणा    207        24          74              209

    उत्तर प्रदेश 101       52           80              106

    रिपोर्ट इनपुट- संजीव गुप्ता