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    दिल्ली पुलिस में तैनात इंस्पेक्टर के चाचा को सिपाही ने ठगा, अब पुलिस तलाश में जुटी

    Updated: Tue, 03 Dec 2024 10:46 PM (IST)

    Delhi Crime News दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर के चाचा से सिपाही ने तीन लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपी रिटायर्ड है। उसने पीड़ित को सस्ते में कार दिलाने का झांसा दिया था। पुलिस का कहना है कि आरोपी दिल्ली पुलिस का कॉन्स्टेबल नहीं है। कनॉट प्लेस थाने में मामला दर्ज कर लिया है। जांच शुरू कर दी गई है।

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    दिल्ली पुलिस में तैनात इंस्पेक्टर के चाचा को सिपाही ने ठगा।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस में तैनात इंस्पेक्टर रैंक के पदाधिकारी के चाचा से खुद को सिपाही बताने वाले शख्स ने तीन लाख की ठगी कर दी। आरोपी सिपाही ने उन्हें सस्ते में कार दिलाने का झांसा दिया था।

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    दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि आरोपी दिल्ली पुलिस का कॉन्स्टेबल नहीं है। तत्काल इस शिकायत पर कनॉट प्लेस थाने में ठगी का मामला दर्ज कर पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

    अलीगढ़ में रहते हैं पीड़ित

    जानकारी के अनुसार, पीड़ित 53 वर्षीय विनोद कुमार शर्मा अपने परिवार के साथ अलीगढ़ में रहते हैं। उनका भतीजा दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर पद पर तैनात है। वह अपने भतीजे से मिलने के लिए दिल्ली आते रहते हैं।

    इस दौरान उनके भतीजे के कई जानकार पुलिस वाले से भी उनकी जान पहचान और दोस्ती हुई। इसी दौरान आरोपी से भी 2012-13 में एक रिटायर्ड एसीपी के घर पर उनकी मुलाकात हुई थी। 2021 में उन लोगों की पार्टी थी, जिसमें विनोद भी आए थे। विनोद ने अपना एक पुराना टैंपो बेचा था।

    सिपाही ने कार दिलाने का दिया भरोसा

    उन रुपयों से वह पुरानी कार खरीदकर किराए पर चलाना चाहते थे। पार्टी के दौरान उन्होंने यह बात सिपाही को बताई। तब सिपाही ने अच्छी कंडीशन की स्विफ्ट डिजायर कार उन्हें सस्ते में दिलाने का भरोसा दिया। उसने कहा कि उसकी कई कार डीलर से जान पहचान है वह उन्हें सस्ते में कार दिलवा देगा।

    कनॉट प्लेस पैसे के साथ बुलाया

    कुछ दिन बाद ही आरोपी ने पीड़ित को कनॉट प्लेस स्थित रिटायर्ड एसीपी के ऑफिस में बुलाया। उसने दो कार दिलाने के लिए आठ लाख रुपये मांगे थे। पीडि़त ने ऑफिस में पहुंचकर रिटायर्ड एसीपी के सामने पांच लाख रुपये कॉन्स्टेबल को दिए थे। तीन लाख रुपये उन्होंने सिपाही को ऑनलाइन भेजे।

    पैसे लिए और फिर...

    इसके बाद ना तो उसने उन्हें गाड़ी दिलवाई और ना ही उनके रुपये लौटाए। जनवरी 2023 में विनोद अपने भतीजे के गृह प्रवेश कार्यक्रम में गए थे। जहां रिटायर्ड एसीपी व बाकी पुलिसकर्मी भी आए हुए थे। उस दिन भी एसीपी ने आरोपी को कॉल कर रुपये लौटाने के लिए कहा था।

    अगले महीने आरोपी ने पांच लाख रुपए उन्हें लौटा दिए थे। मगर तीन लाख रुपए नहीं लौटाए। इस बात की शिकायत पीड़ित जून 2024 में कनॉट प्लेस थाने में दी थी। लगभग छह महीने बाद सोमवार को कनॉट प्लेस थाने में मामला दर्ज कर लिया गया।