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दो-दो चुनाव में करारी हार से 'कमजोर' हुए अजय माकन, एकजुट होने लगे विरोधी

अजय माकन के विरोधियों का कहना है कि समर्पित व पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 05 Sep 2017 08:58 AM (IST)Updated: Wed, 06 Sep 2017 07:23 AM (IST)
दो-दो चुनाव में करारी हार से 'कमजोर' हुए अजय माकन, एकजुट होने लगे विरोधी
दो-दो चुनाव में करारी हार से 'कमजोर' हुए अजय माकन, एकजुट होने लगे विरोधी

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली नगर निगम चुनाव और बवाना विधानसभा उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन को घेरने की तैयारी शुरू हो गई है। इनके काम करने के तरीके से नाराज पार्टी के कई पुराने नेता एकजुट होकर इन्हें चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।

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इसी कड़ी में शनिवार रात को मालवीय नगर में आयोजित समारोह के बहाने कांग्रेस के कई दिग्गज इकट्ठे हुए। उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस की बदहाली के लिए वर्तमान प्रदेश नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया। सत्ता से बेदखल होने के बाद से कांग्रेस दिल्ली में अपना वजूद तलाश रही है। वहीं, पार्टी में गुटबाजी भी नहीं थम रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सहित कई अन्य बड़े नेता सार्वजनिक तौर पर माकन के कामकाज की आलोचना कर चुके हैं। निगम चुनाव के समय से गुटबाजी ज्यादा बढ़ गई है। कई पुराने नेताओं ने माकन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए बगावत कर दी थी।

विरोधियों के हमले को देखते हुए माकन ने निगम चुनाव का परिणाम आते ही पार्टी हाई कमान को इस्तीफा सौंपा था जिसे अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद से कुछ समय के लिए विरोधी हुए लेकिन बवाना उपचुनाव में हार के बाद से वे फिर सक्रिय हो गए हैं।

इसी कड़ी में पार्टी के कई पुराने दिग्गज मालवीय नगर में कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह जीतू के निजी समारोह में शामिल हुए। समारोह में शीला दीक्षित, जेपी अग्रवाल, चौधरी प्रेम सिंह, सुभाष चोपड़ा, जगदीश टाइटलर, हारुन युसूफ, मंगत राम सिंघला, रामाकांत गोस्वामी, संदीप दीक्षित, मतीन अहमद के अलावा कई युवा नेता भी शामिल थे।

इनका कहना था कि दिल्ली में 15 वर्षों तक शासन करने वाली कांग्रेस पिछले कई चुनावों से तीसरे नंबर पर आ रही है। इसके बावजूद पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। समर्पित व पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है।

इसी वजह से पार्टी दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है। पार्टी हाई कमान को इस ओर ध्यान देना चाहिए।समारोह में शामिल नेताओं का कहना है उनका मकसद किसी का विरोध नहीं है। वह सिर्फ पार्टी की बेहतरी चाहते हैं और इसके लिए जरूरी कदम उठाएंगे। इससे लगता है कि आने वाले दिनों में प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की मुश्किल बढ़ेगी।


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