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    कोचिंग सेंटरों और मकान मालिकों के मकड़जाल में उलझा छात्रों का भविष्य, ₹2 लाख फीस तो 20 से 40 हजार है कमरे का किराया

    Updated: Mon, 29 Jul 2024 12:35 PM (IST)

    Old Rajinder Nagar स्थित राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार शाम बारिश का पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई। इससे दिल्ली में मौजूद कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा की पोल खुल गई है। राजेंद्र नगर में IAS कोचिंग सेंटरों की फीस लाखों रुपये में है तो कमरे का किराया भी 20 से 40 हजार रुपये है।

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    इसी राव आईएएस कोचिंग सेंटर में हुई तीन अभ्यर्थियों की मौत। फोटो- जागरण

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। ओल्ड राजेंद्र नगर (Old Rajinder Nagar) में देश का भविष्य बनने के सपने लेकर यूपीएससी की तैयारी करने आए हजारों छात्रों का भविष्य कोचिंग सेंटरों और मकान मालिकों के मकड़जाल में उलझा हुआ है, जबकि सिविक एजेंसियों की मिलीभगत उनकी जान तक ले रही है। छात्रों की मौत के मामले ने उन्हें अंदर तक हिला दिया है।

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    ओल्ड राजेंद्र नगर में छात्र आक्रोशित व गम में डूबे होने के साथ भविष्य को लेकर अनिश्चित दिखे। यहां कोचिंग सेंटरों में तैयारी की फीस डेढ़ से दो लाख रुपये तक है। जबकि, रहने के लिए एक-एक कमरे का किराया 20 हजार रुपये से लेकर 40 हजार रुपये तक महीना है। ऐसे में एक-एक छात्र का खर्च प्रति वर्ष चार से आठ लाख रुपये होता है।

    किराये के नाम पर हो रही लूट

    छात्रों का दर्द है कि कोचिंग फीस, लाइब्रेरी शुल्क और कमरे के किराये के नाम पर उनके साथ हो रही इस लूट को देखने वाला कोई नहीं है। क्योंकि वह दिल्ली के निवासी नहीं है। वह वोट बैंक नहीं हैं। बल्कि, बदले में उन्हें खतरे में जिंदगी मिल रही है। यह यहां पढ़ रहे हजारों छात्रों का दर्द है, जो खुलकर बाहर आ रहा है।

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    कई कोचिंग संस्थान में बड़े अधिकारियों का हिस्सा

    वह कहते हैं कि वह पढ़ने के लिए आए हैं। कई गरीब पृष्ठभूमि से आए हैं। पिता खेती की जमीन को बेचकर उन्हें पढ़ा रहे हैं। ऐसे में असफलता और निराशा आत्महत्या तक पहुंच जा रही है। छात्र आरोप लगाते हैं कि कई कोचिंग संस्थान में बड़े अधिकारियों का भी हिस्सा है। कुछ बड़े नेताओं के पैसे लगे हुए हैं।सैकड़ों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार है।

    महाराष्ट्र के वेदांत कहते हैं कि कोई देखने वाला नहीं है कि कोचिंग संस्थानों की फीस कितनी हो, मकान मालिक कितना किराया ले सकते हैं। साथ ही इसकी भी जांच नहीं होती कि ये संस्थान और मकान मानकों को पूरा करते भी है कि नहीं। बिहार के अभिषेक ने कहा कि यहां हर वर्षा में जलभराव होता है। बिजली समेत अन्य के तार हर तरफ लटक रहे हैं। यह सब किसकी जिम्मेदारी है।