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    अचानक GTB अस्पताल पहुंचीं CM रेखा गुप्ता, AAP सरकार के स्वास्थ्य मॉडल की खोली पोल

    दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जीटीबी अस्पताल का दौरा किया और केजरीवाल के स्वास्थ्य मॉडल की पोल खोल दी। अस्पताल में सुविधाओं की कमी और कर्मचारियों को 6 महीने से वेतन नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। जीटीबी अस्पताल के एमएस के पास चार अस्पतालों का चार्ज है जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है। केजरीवाल के स्वास्थ्य मॉडल को बर्बाद करने का आरोप लगाया।

    By Jagran News Edited By: Rajesh KumarUpdated: Tue, 04 Mar 2025 06:34 PM (IST)
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    जीटीबी अस्पताल में दौरा करतीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता। जागरण

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को दिलशाद गार्डन स्थित जीटीबी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। रोहतास नगर के भाजपा विधायक जितेंद्र महाजन ने मुख्यमंत्री को अस्पताल की खामियां दिखाईं।

    मुख्यमंत्री सबसे पहले अस्पताल के स्टोर रूम में पहुंचीं, जहां कोरोना काल में खरीदे गए वेंटिलेटर समेत कई उपकरण रखे हुए थे। जिनका अस्पताल में इस्तेमाल नहीं हो रहा था।

    इसके बाद कोरोना काल में 1200 बेड के भवन के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, इसका निर्माण कार्य भी पिछले कई महीनों से बंद है। अंत में सीएम ने प्रसूति विभाग में भर्ती मरीजों से मुलाकात की और डॉक्टरों के काम की सराहना की।

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    जनता केजरीवाल को माफ नहीं करेगी

    सीएम गुप्ता ने आगे कहा कि जीटीबी अस्पताल के जनरल वार्ड की मशीनें कबाड़ हो गई हैं।

    जनता केजरीवाल को माफ नहीं करेगी। जीटीबी में निर्माणाधीन बिल्डिंग का निरीक्षण किया।

    अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की जनता पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कभी माफ नहीं करेगी। आम आदमी पार्टी की सरकार ने स्वास्थ्य मॉडल के नाम पर जनता को धोखा दिया है। आरोप लगाया कि कोरोना काल में खरीदे गए वेंटिलेटर व अन्य उपकरण स्टोर रूम में धूल से सने हैं।

    लाखों रुपये के उपकरण खराब हो चुके हैं। वेंटिलेटर के लिए अस्पताल में मरीजों को दर्द से तड़पते देखा है। जीटीबी अस्पताल यमुनापार का सबसे बड़ा अस्पताल है, यहां एक दिन में बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। स्टोर रूम में कबाड़ बन चुके स्वास्थ्य उपकरणों के लिए केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता जिम्मेदार हैं।

    आप सरकार ने दावा किया था कि जीटीबी में 1200 बेड का आईसीयू भवन बनेगा, लेकिन तीन साल बाद भी भवन अधूरा है। जीटीबी अस्पताल के स्वास्थ्य निदेशक के पास चार बड़े अस्पतालों की जिम्मेदारी है। सवाल किया कि एक ही डॉक्टर पर इतना काम का बोझ क्यों है, क्या किसी अन्य डॉक्टर को निदेशक नहीं बनाया जा सकता।

    उन्होंने कहा कि एक कमेटी बनाई जाएगी जो अस्पताल में पाई गई कमियों की जांच करेगी और पता लगाएगी कि कितने समय से स्वास्थ्य उपकरण स्टोर रूम में कबाड़ के रूप में पड़े हैं। बाकी कमियों को कैसे दूर किया जाए।

    वेतन के लिए सीएम से गुहार

    दिल्ली कैंसर संस्थान जीटीबी अस्पताल से सटा हुआ है। इस अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने सीएम से गुहार लगाई कि उन्हें पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। कंपनी का टेंडर पूरा होने के बाद उन्हें अस्पताल से निकाला जा रहा है।

    नई कंपनी उन्हें नौकरी पर रखने के लिए जबरन पैसे मांग रही है। पैसे न देने पर उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी गई है। सीएम ने उन्हें मदद का भरोसा दिया है।

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