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    किसी के घर में नहीं आ रहा पानी तो किसी की बेटी को नहीं मिल रहा दाखिला, CM रेखा गुप्ता ने दिया तुरंत समाधान का आदेश

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 09:37 PM (IST)

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने नए कैंप कार्यालय में जनसुनवाई की जहाँ उन्होंने लोगों की शिकायतें सुनीं और संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जनसेवा सदन का उद्देश्य नागरिकों की समस्याओं का समाधान करना है। मुख्यमंत्री ने पूर्व सरकारों और जनता के बीच संवाद की कमी पर चिंता व्यक्त की और इसे दूर करने का संकल्प लिया।

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    जनसेवा सदन में लोगों की समस्या सुनतीं सीएम रेखा गुप्ता।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को अपने कैंप कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान लोगों से बातचीत की और उनकी शिकायतें सुनीं। राज निवास मार्ग स्थित उनके कैंप कार्यालय में यह पहली जनसुनवाई थी, जिसका उद्घाटन उन्होंने शुक्रवार को किया था।

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    उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जन सेवा सदन प्रत्येक नागरिक की चिंता, आशा, सुझाव और समाधान का केंद्र बनेगा।  जनसुनवाई में पहुंचे लोग अपनी-अपनी समस्याओं को रखा। कोई पुलिस से परेशान था ताे किसी के यहां पानी नहीं आ रहा है।

    एक व्यक्ति अपनी बेटी का स्कूल में दाखिला न हाे पाने की शिकायत लेकर पहुंचे हुए थे।अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से लेकर टूटी सड़कों और अतिक्रमण की शिकायत की।

    मुख्यमंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को शिकायत दूर कर उन्हें रिपोर्ट करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री गुप्ता अभी तक शालीमार बाग स्थित अपने निवास पर ही जनसुनवाई कर रही थीं।

    चूंकि यह रिहायशी इलाका था, इसलिए वहां भीड़ होने से परेशानी हाेती थी। मुख्यमंत्री को बाहर सड़क पर ही लोगों की समस्याओं को सुनना और उनका समाधान करना पड़ रहा था।

    इसके बावजूद उनकी जनसुनवाई जारी रही। अब उन्हें अधिकृत तौर पर सिविल लाइंस क्षेत्र में ‘मुख्यमंत्री जनसेवा सदन’ (कैंप ऑफिस) मिल गया है।

    जहां उन्होंने दिल्ली की लोगों की समस्याओं का हल निकालने के लिए प्रभावी तरीकों का प्रयोग किया। जनसेवा सदन लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए ही बनाया गया है।

    मुख्यमंत्री जनसेवा सदन में सुबह 8 से 10 बजे तक लोगों से मिलीं और अधिकारियों की उपस्थिति में उनकी समस्याओं का निपटारा किया।

    इस दौरान जल बोर्ड, शिक्षा, पुलिस, स्वास्थ्य, दिल्ली नगर निगम आदि के अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की पूर्व सरकारों व जनता के बीच हमेशा संवाद की कमी रही है।