CM रेखा गुप्ता के बाद किसके पास सबसे ज्यादा विभाग? भाजपा ने AAP को घेरने की बनाई खास रणनीति
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Delhi CM Rekha Gupta) ने अपने पास वित्त राजस्व सामान्य प्रशासन सतर्कता सहित नौ विभाग रखे हैं। मुख्यमंत्री के बाद सबसे ज्यादा सात विभाग आशीष सूद को दिए गए हैं। आशीष सूद गृह ऊर्जा शहरी विकास शिक्षा उच्च शिक्षा प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को संभालेंगे। आगे विस्तार से जानिए आखिर सीएम रेखा गुप्ता के पास कौन-कौन से विभाग हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने अपने पास वित्त, राजस्व, सामान्य प्रशासन, सतर्कता सहित नौ विभाग रखे हैं। इसके बाद सबसे अधिक सात विभाग आशीष सूद को दिया गया है। वह गृह, ऊर्जा, शहरी विकास, शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को संभालेंगे।
आम आदमी पार्टी की सरकार में शिक्षा विभाग व बिजली विभाग चर्चा में रहा था। भाजपा इन दोनों विभागों को लेकर आप सरकार को कठघरे में खड़ा करती रही है।
पीएम मोदी ने छात्रों से संवाद करते हुए उठाया था यह सवाल
भाजपा का आरोप है कि आप सरकार के कार्यकाल में शिक्षा का स्तर गिरा है। 10 वीं व 11वीं का परीक्षा परिणाम अच्छा दिखाने के लिए बड़ी संख्या में छात्रों को परीक्षा देने से वंचित रखा जाता है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने छात्रों से संवाद करते हुए यह मामला उठाया था।
नए स्कूल-कॉलेज नहीं खोले गए: भाजपा
भाजपा नेताओं का आरोप है कि पिछले पांच वर्षों में नए स्कूल-कॉलेज नहीं खेले गए। खेल विश्वविद्यालय व और शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालय की घोषणा के नाम पर भी दिल्लीवासियों को गुमराह किया गया। तकनीकी विश्वविद्यालय में शुल्क बढ़ाने से सीटें खाली रह रही हैं। स्कूलों में कमरों के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है।
शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने का दायित्व आशीष सूद पर
अब दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने का दायित्व सूद पर होगा। वह नगर निगम में शिक्षा समिति के चेयरमैन रहते हुए उन्होंने निगम के स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के घरों में जाकर बच्चों का दाखिला करने का अभियान शुरू किया था जो बहुत सफल रहा था।
बिजली विभाग को लेकर भी भाजपा नेता दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार व निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं। भाजपा नेताओं ने बिजली कंपनियों को सब्सिडी देने के नाम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी दिल्ली का प्रदर्शन ठीक नहीं
बिजली कंपनियों को उपभोक्ता से बिजली खरीद लागत शुल्क (पीपीएसी) वसूलने का भाजपा विरोध कर रही है। पिछले तीन वर्षों से दिल्ली में बिजली की नई दरें भी घोषित नहीं हुई है। वहीं, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी दिल्ली का प्रदर्शन ठीक नहीं है।
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सोलर पैनल लगाकर लगभग 15 सौ मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य रखा गया है लेकिन, तीन सौ मेगावाट उपलब्ध हो रहा है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के माध्यम से दिल्ली में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है।
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पीएम मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में इस योजना से उपभोक्ताओं को तीन सौ यूनिट तक निःशुल्क बिजली मिलने की बात कही थी। भाजपा के संकल्प पत्र में भी इसे शामिल किया गया है। बिजली विभाग को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी भी सूद को दी गई है।
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