'ABVP ने मुझे जीवन की दिशा दी, मेरा पहला ‘मैनेजमेंट कोर्स’ यही था', DU में आयोजित कार्यक्रम में बोलीं रेखा गुप्ता
दिल्ली विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आयोजित स्वयंसिद्धा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने शिक्षा को आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का आधार बताया। रेखा गुप्ता ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हर असम्भव में मैं सम्भव हूँ छिपा है। उन्होंने दिल्ली सरकार की छात्र हित योजनाओं पर भी प्रकाश डाला और 500 छात्राओं को सम्मानित किया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकल्टी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से कराए गए छात्राओं के विशेष कार्यक्रम ‘स्वयंसिद्धा’ में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित करती है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं देश के भविष्य की धुरी हैं और उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ संकल्प और साहस के साथ आगे बढ़ना होगा।
मुख्यमंत्री ने ‘स्वयंसिद्धा’ की सराहना करते हुए कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि बेटियां अपने दम पर सपनों को साकार करने की क्षमता रखती हैं। उन्होंने छात्राओं को संदेश दिया कि “हर इम्पासिबल के भीतर आई एम पासिबल छिपा है” और यही सोच दिल्ली की बेटियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने 2014 से अब तक 20,000 छात्राओं को सम्मानित किए जाने को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि युवाओं के भविष्य की दिशा तय करने वाला कदम है। उन्होंने छात्रहित में दिल्ली सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों को सुरक्षित, आधुनिक और किफायती परिवहन उपलब्ध कराया जाएगा। आने वाले समय में अधिक यूनिवर्सिटी स्पेशल बसें चलाई जाएंगी और छात्रों की मेट्रो पास संबंधी मांग पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा, खेल, स्टार्टअप और नवाचार के क्षेत्र में युवाओं को हर संभव अवसर और सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने छात्र जीवन की स्मृतियां साझा करते हुए रेखा गुप्ता ने बताया कि कालेज के दिनों में उनका पहला परिचय एबीवीपी से हुआ। संगठन की सक्रियता और छात्रों की समस्याओं के समाधान की तत्परता ने उन्हें इसकी सदस्यता लेने को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, “यदि मैंने कोई वास्तविक मैनेजमेंट कोर्स किया है तो वह एबीवीपी ही था, जिसने मुझे नेतृत्व, प्रबंधन और सेवा का अवसर दिया।” मुख्यमंत्री ने बताया कि एबीवीपी ने उनके भीतर समाज और देश के लिए कार्य करने की प्रेरणा जगाई और वही सीख आज राज्य संचालन में उनकी शक्ति है।
छात्राओं को विशेष रूप से संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का युग महिलाओं के नेतृत्व और सशक्तीकरण का है। हर युवती को अपने कदम आगे बढ़ाकर अपनी राह स्वयं बनानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्रा के भीतर शक्ति और आभा है, जिसे पहचानने और विस्तार देने की जरूरत है ताकि दुनिया उस पर गर्व कर सके। इस अवसर पर खेल, अकादमिक आदि विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 500 छात्राओं को मुख्यमंत्री ने प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में एबीवीपी की अखिल भारतीय छात्रा प्रमुख मन्नू कटारिया, राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल, डूसू उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, सचिव मित्रविंदा कर्णवाल, विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
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