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    Justice Sanjeev Khanna: सीएम आतिशी ने नए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को दी बधाई; अपने X अकाउंट पर लिखी अहम बात

    Updated: Mon, 11 Nov 2024 11:57 AM (IST)

    Justice Sanjeev Khanna न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उन्हें बधाई दी और उनके प्रभावशाली कार्यकाल की कामना की। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति खन्ना का काम हमारे लोकतंत्र की नींव को और मजबूत करेगा। पढ़िए आखिर मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने एक्स अकाउंट पर और क्या-क्या लिखा है।

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    सीएम आतिशी ने भारत के नए न्यायाधीश संजीव खन्ना को बधाई दी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Justice Sanjeev Khanna दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने एक्स उकाउंट पर पोस्ट करके भारत के नए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को बधाई दी है। संजीव खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बन रहे हैं।

    आतिशी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि मैं भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को हार्दिक बधाई देती हूं। उनके प्रभावशाली कार्यकाल की कामना करती हूं और कामना करती हूं कि उनका काम हमारे लोकतंत्र की नींव को और मजबूत करे। साथ ही लिखा कि समानता को कायम रखे और हमारे देश के प्रत्येक नागरिक के अधिकारों को मजबूत करे।

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    जस्टिस संजीव खन्ना आज संभाला प्रधान न्यायाधीश का पदभार

    सुप्रीम कोर्ट के कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे जस्टिस संजीव खन्ना ने आज यानी सोमवार को देश के 51वें प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें शपथ दिलाई। उन्होंने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का स्थान लिया, जो रविवार को सेवानिवृत्त हुए।

    जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई, 2025 तक होगा। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने 16 अक्टूबर को जस्टिस खन्ना के नाम की सिफारिश की थी और केंद्र सरकार ने 24 अक्टूबर को उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी।

    शुक्रवार को जस्टिस चंद्रचूड़ का था अंतिम कार्य दिवस

    वहीं, शुक्रवार को सीजेआई के रूप में जस्टिस चंद्रचूड़ का अंतिम कार्य दिवस था। जजों, वकीलों व शीर्ष अदालत व हाई कोर्टों के कर्मचारियों ने उन्हें भावपूर्ण विदाई दी थी। 18 जनवरी, 2019 से सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में कार्य कर रहे जस्टिस खन्ना कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें चुनाव में ईवीएम की उपयोगिता बनाए रखना, चुनावी बांड योजना को खारिज करना, अनुच्छेद-370 के निरस्तीकरण के फैसले को कायम रखना और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए अंतरिम जमानत प्रदान करना शामिल हैं।

    अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के वकील बने

    दिल्ली स्थित एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस खन्ना, दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस देव राज खन्ना के पुत्र और शीर्ष कोर्ट के पूर्व जज एचआर खन्ना के भतीजे हैं। वह हाई कोर्ट का जज नियुक्त होने से पहले अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के वकील थे। जस्टिस एचआर खन्ना उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब आपातकाल के दौरान 1976 में एडीएम जबलपुर केस में उन्होंने असहमति वाला फैसला दिया था।

    सुनाया था यह अहम फैसला

    संविधान पीठ के बहुमत के फैसले ने आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकार खत्म किए जाने को सही ठहराया था। इस फैसले को न्यायपालिका पर ‘काला धब्बा’ माना जाता है। जस्टिस एचआर खन्ना ने कदम को असंवैधानिक करार दिया था और कानून के विरुद्ध बताया था। इसकी उन्हें कीमत चुकानी पड़ी थी और केंद्र सरकार ने उनकी अनदेखी करके जस्टिस एमएच बेग को अगला प्रधान न्यायाधीश बना दिया था।

    दिल्ली में की लॉ की पढ़ाई

    बता दें कि 14 मई, 1960 को जन्मे जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की है। 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकृत होने के बाद शुरुआत में उन्होंने तीस हजारी परिसर में जिला अदालतों में और फिर दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की है।