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9 लाख लेकर करते थे लड़का पैदा होने का दावा, देश के बड़े रैकेट का भंडाफोड़

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम राष्ट्रीय महिला आयोग दिल्ली पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की संयुक्त टीम ने सोमवार को छापेमारी कर आइवीएफ सेंटर का पर्दाफाश किया है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 07:46 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 02:45 PM (IST)
9 लाख लेकर करते थे लड़का पैदा होने का दावा, देश के बड़े रैकेट का भंडाफोड़
9 लाख लेकर करते थे लड़का पैदा होने का दावा, देश के बड़े रैकेट का भंडाफोड़

नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली में गारंटी से लड़का पैदा होने का दावा करने वाले इन-व्रिटो-फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) सेंटर का पर्दाफाश हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम, राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की संयुक्त टीम ने सोमवार को छापेमारी कर आइवीएफ सेंटर और इसका प्रचार करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है।

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कीर्ति नगर स्थित एफएस आइवीएफ सेंटर और करोल बाग में इला वूमन नामक वेब कंपनी के कॉल सेंटर को सील कर 300 से ज्यादा लैपटॉप जब्त किए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। एक आरोपित को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। डीसीपी मध्य जिला मंदीप सिंह रंधावा ने मुकदमा दर्ज किए जाने की पुष्टि की है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय जांच निगरानी समिति को ऑडियो रिकॉर्डिंग संदेश के जरिये एक शिकायत मिली थी। इसमें बताया गया कि दिल्ली के कीर्ति नगर में एफएस आइवीएफ सेंटर पर अवैध काम किया जा रहा है। इस पर मामले की जांच व छापेमारी के लिए 14 सदस्यीय संयुक्त टीम तैयार की गई।

पति-पत्नी बनकर पहुंचे टीम में शामिल सदस्य

महिला आयोग की अध्यक्ष के मुताबिक टीम में शामिल दो सदस्य पति-पत्नी बनकर सोमवार को कीर्ति नगर स्थित एफएस आइवीएफ सेंटर पहुंचे। यहां पर कॉल सेंटर का मैनेजर पहले से ही मौजूद था। उसने आइवीएफ तकनीक के जरिये गारंटी से लड़का पैदा होने का दावा किया। बताया कि उन्हें इसके लिए 10-12 दिन के लिए बैंकॉक, दुबई या सिंगापुर में रहना होगा। मैनेजर ने बताया कि विदेश में लिंग जांच प्रतिबंधित न होने के कारण वह इस तकनीक से बच्चा पैदा कराने के लिए दंपती को विदेश भेजते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए 10 हजार रुपये और पूरे पैकेज की फीस 8.5 लाख रुपये बताई गई। इस पर टीम के सदस्यों ने कहा कि उनके कुछ परिचित मुंबई, कनार्टक, चेन्नई में रहते हैं वे भी इस तकनीक से लड़का पैदा कराना चाहते हैं। इस पर उन्हें बताया गया कि देश भर में उनके जैसे 100 से ज्यादा सेंटर हैं। वे लोग नजदीक के किसी सेंटर में जा सकते हैं। मैनेजर से बातचीत के दौरान ही पता चला कि यह कॉल सेंटर करोल बाग में चल रहा है। इसके बाद बाहर मौजूद टीम के अन्य सदस्यों ने आइवीएफ सेंटर पर छापा मार दिया और मैनेजर को हिरासत में ले लिया। टीम ने सेंटर से रिकॉर्ड जब्त कर अल्ट्रासाउंड मशीन व पूरे सेंटर को सील कर दिया है। वहीं, इसी दौरान दूसरी टीम ने करोल बाग स्थित कॉल सेंटर में भी छापा मारा।

देशभर में की जाएगी छापेमारी : रेखा शर्मा

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि केंद्र सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय से देश भर में संचालित ऐसे सभी सेंटरों पर तत्काल छापेमारी करने की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह खुद और उनकी टीम की सदस्य देशभर में ऐसे सेंटरों पर औचक छापेमारी करेंगी। जहां भी गड़बड़ी मिलेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

स्टार्टअप के नाम पर आइआइटी इंजीनियर चला रहा है कॉल सेंटर का रैकेट

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के अनुसार, करोल बाग में कॉल सेंटर का डाटा क्लाउड पर था। उसे जुटाने के लिए टीम सोमवार को रातभर व मंगलवार को पूरे दिन लगी रही। बताया गया है कि यह कॉल सेंटर स्टार्ट अप के रूप में आइआइटी इंजीनियर ने शुरू किया था। इसमें करीब 300 कर्मचारी काम करते थे। कॉल सेंटर से जब्त किए गए रिकॉर्ड की जांच पड़ताल के बाद पता चला है कि देश के करीब 100 से ज्यादा ऐसे आइवीएफ सेंटर इस कॉल सेंटर से जुड़े थे। देश भर के छह लाख से ज्यादा ग्राहकों को आइवीएफ तकनीक के लिए विदेश भेजने की बात सामने आई है।

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