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    मोटी रकम में बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहे थे गिरोह, पुलिस ने यूपी-उत्तराखंड समेत इन जगहों से बच्चों को किया बरामद

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 09:49 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने बाल तस्करी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर यूपी और उत्तराखंड में छापेमारी की गई जहां से छह बच्चे बरामद हुए। गिरोह बच्चों को ऊंची कीमतों पर बेचने के लिए ग्राहकों की तलाश में था। पुलिस अन्य फरार आरोपियों और बेचे गए बच्चों की तलाश कर रही है।

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    दिल्ली पुलिस ने बाल तस्करी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बाल तस्करी मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एक गिरोह के 10 सदस्यों से पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिसके आधार पर यूपी और उत्तराखंड में कुछ जगहों पर छापेमारी चल रही है। इनकी निशानदेही पर यूपी और उत्तराखंड में अलग-अलग जगहों से छह बच्चे बरामद किए गए।

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    सराय काले खां से अपहृत छह माह के बच्चे को, जिसे पुलिस ने कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा नाम की सगी बहनों के कब्जे से बरामद किया, डॉ. कमलेश कुमार ने वीरभान से 4.50 लाख में खरीदा था। डॉ. कमलेश इस बच्चे को आगे ऊंची कीमत पर बेचने के लिए उपयुक्त ग्राहक की तलाश में थे। दोनों बहनें डॉक्टर के नर्सिंग होम से जुड़ी हैं, इसलिए डॉक्टर ने उन्हें तब तक बच्चा रखने के लिए दिया था।

    पुलिस को दोनों बहनों से पता चला कि रितु के जरिए ज्योत्सना नाम की महिला को एक और अपहृत बच्चा बेचा जाना था। रितु ने नैनीताल (उत्तराखंड) के एक दंपती को एक बच्ची बेची थी। जिसके बाद बच्ची को नैनीताल से बरामद कर रितु को गिरफ्तार कर लिया गया।

    आरोपियों से पूछताछ के आधार पर लखनऊ और आगरा में छापेमारी की गई और ज्योत्सना को गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी मिली कि गिरोह ने आगरा के एक परिवार को दो महीने का बच्चा बेचा था। जिसे पुलिस ने आगरा से बरामद कर लिया।

    सुंदर ने रचिता मित्तल के ज़रिए एक बच्चा बेचा था। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस ने बच्चे को बरामद कर लिया। रचिता की निशानदेही पर आगरा से 10 दिन का बच्चा बरामद किया गया। सुंदर ने बताया कि उसने एक साल की बच्ची निखिल को सौंपी थी, जिसने उसे अगस्त में फतेहाबाद के एक परिवार को बेच दिया था।

    पुलिस का कहना है कि हाल ही में इस गिरोह ने एक दंपत्ति को 1.80 लाख रुपये और एक अन्य दंपत्ति को 7.50 लाख रुपये में बेचा था। गिरोह का एक और फरार सदस्य राम वरन भी पैसों के लिए अपने बेटे को बेच चुका है। पुलिस उसकी और कृष्णा शर्मा-प्रीति शर्मा की माँ की तलाश कर रही है।