सोनीपत के बच्चे ने निगले तीन सिक्के, खाने की नली में फंसे; दिल्ली के डॉक्टरों ने बचाई जान
सोनीपत के एक 12 वर्षीय बच्चे ने खेलते समय गलती से सिक्के निगल लिए जो उसकी आहार नली में फंस गए। रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में डॉक्टरों ने एसोफैगोस्कोपी के जरिए सिक्कों को निकाला। बच्चा अब स्वस्थ है। डॉक्टरों ने बच्चों को छोटे खिलौनों से दूर रखने और गले में कुछ फंसने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। सोनीपत (हरियाणा) के रहने वाले 12 वर्षीय बच्चे ने खेल-खेल में पांच रुपये की दो और दस रुपये का एक सिक्का निगल लिया। तीनों सिक्के बच्चे की खाने की नली में फंस गए। तकलीफ बढ़ने पर बच्चे को रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने एसोफैगोस्कापी प्रक्रिया के माध्यम से तीनों सिक्कों को बाहर निकाला। बच्चा अब स्वस्थ है और खाना-पीना भी शुरू कर दिया है।
बुधवार रात 11 बजे बच्चे को इलाज के लिए बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के आपद विभाग में लाया गया। अस्पताल के ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि बच्चे ने बुधवार सुबह खेल-खेल में तीन सिक्के निगल लिए। इसके कुछ देर बाद बच्चे को खाने-पीने में तकलीफ होने लगी। परिवार के लोगों ने उसे केला खिलाया। इसके बाद भी सिक्के नहीं निकले। इसके बाद रात 11 बजे उपचार के लिए अंबेडकर अस्पताल लाया गया।
एक्सरे जांच में तीन सिक्के खाने की नली में फंसे हुए नजर आए। बच्चे को आपरेशन थियेटर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों की टीम ने एनेस्थीसिया देकर एसोफैगोस्कापी प्रक्रिया के माध्यम सिक्कों को बाहर निकाला। बच्चा स्वस्थ्य है और खाना-पीना भी शुरू कर दिया है। टीम में डा. अजय गुप्ता, डा. पंकज कुमार, डा. सरवनन व डा. दिव्यांशु शामिल रहे।
क्या होती है एसोफैगोस्कापी
डा. पंकज कुमार ने बताया कि एसोफैगोस्कापी प्रक्रिया एंडोस्कोपी की तरह ही होती है। एक पतली ट्यूब मुंह के माध्यम से अंदर डाली जाती है। स्काप के माध्यम से सिक्कों को बाहर निकाला गया। इस प्रक्रिया में लगभग 40 मिनट का समय लगा।
एहतियात बरतें
- बच्चों को सिक्के, मोती, घुंघरू, छोटे आकार के खिलौने से दूर रखें
- खेलते बच्चों की निगरानी रखें
- गले में कोई चीज फंस जाए तो बच्चे तुरंत चिकित्सक के पास लें जाएं। घरेलू उपचार में समय न गंवाएं।
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