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    दिल्ली-एनसीआर की रेव पार्टियों में मुहैया कराता था चरस, अब पुलिस ने धर दबोचा

    Updated: Sat, 17 May 2025 03:33 PM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर की रेव पार्टियों में चरस सप्लाई करने वाला वांछित तस्कर दान सिंह गिरफ्तार। क्राइम ब्रांच ने उसे हिमाचल प्रदेश से पकड़ा। वह 2014 में भी चरस के साथ गिरफ्तार हुआ था लेकिन जमानत पर भाग गया था। अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। पुलिस के अनुसार वह पहचान बदलकर छिप रहा था।

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    दिल्ली रेव पार्टी ड्रग्स सप्लायर वांछित तस्कर दान सिंह गिरफ्तार। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर की रेव पार्टियों में चरस आपूर्ति करने के मामले में वांछित तस्कर दान सिंह उर्फ दानवीर सिंह को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। 26 मार्च 2014 को स्पेशल सेल ने

    2.2 किलो चरस के साथ इसे गिरफ्तार कर लिया था। जमानत पर बाहर आने के बाद वह अदालती कार्यवाही से बच रहा था। जिसपर 30 मार्च 2022 को कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।

    डीसीपी हर्ष इंदौरा के मुताबिक दान सिंह, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है। 26 मार्च 2014 को अनिल कुमार और अनिल लकी नाम के तस्कर कार से करोल बाग में एक रूसी नागरिक जार्जी डेडाव को 2.2 किलोग्राम चरस की आपूर्ति करने आए थे। वहां पर स्पेशल सेल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

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    बाद में 24 मई 2014 को अनिल कुमार और अनिल लकी से पूछताछ के आधार पर दान सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। मुकदमे के दौरान दान सिंह अदालती कार्यवाही से बचता रहा और जिसपर न्यायालय द्वारा भगोड़ा घोषित करने पर उसे अब गिरफ्तार कर लिया गया।

    गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बार-बार अपना नाम, पहचान और स्थान बदल रहा था। यहां तक कि विशेष अवसरों पर वह रात में अपने गांव आता था।

    14 मई को सिपाही मनोज को सूचना मिली कि एक दान सिंह नाम का वांछित अपराधी कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में आने वाला है। एसीपी राजपाल डबास व निरीक्षक पवन सिंह ने वहां जाकर उसे पकड़ लिया।

    दान सिंह पढ़ाई छोड़ने के बाद बुरी संगत में पड़ कर ड्रग्स और शराब का सेवन करने लगा था। इस दौरान वह अनिल कुमार और अनिल उर्फ लकी के संपर्क में आया जो उसके गांव के ही रहने वाले है।

    वे अनिल कुमार की गाड़ी में हिमाचल प्रदेश से दिल्ली तक तस्करी का सामान पहुंचाते थे। उन्होंने दान सिंह को अपने साथ मिला लिया और उसके खेतों में हशीश की खेती शुरू कर दी गई। बाद में वे लोग दिल्ली में चरस की सप्लाई करने लगे।