क्या IPL में अब नहीं दिखेगा रोबोट डॉग... BCCI को हाईकोर्ट से मिला नोटिस; बच्चों की मैगजीन से जुड़ा है विवाद
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बच्चों की लोकप्रिय पत्रिका चंपक की याचिका पर बीसीसीआई से जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि आईपीएल ने अपने एआई रोबोट कुत्ते का नाम चंपक रखकर ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया है। न्यायालय ने बीसीसीआई को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बच्चों की पत्रिका चंपक की याचिका पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से जवाब मांगा। याचिका में आईपीएल द्वारा अपने एआई रोबोट कुत्ते का नाम चंपक रखने पर ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने कहा कि चंपक हमेशा से एक मौजूदा ब्रांड नाम रहा है। उन्होंने बीसीसीआई से चार सप्ताह के अंदर याचिका के जवाब में अपना लिखित बयान दाखिल करने को कहा है।
9 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई नौ जुलाई तय की है। याचिका दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड ने दायर की है, जो 1968 से चंपक पत्रिका का प्रकाशन कर रही है।
प्रकाशक का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता अमित गुप्ता ने कहा कि रोबोट कुत्ते का नाम चंपक रखना उसके पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन है और साथ ही इसका व्यावसायिक दोहन भी है, क्योंकि चंपक एक जाना-माना ब्रांड है।
बीसीसीआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जे साई दीपक ने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि चंपक एक फूल का नाम है और लोग रोबोट कुत्ते को पत्रिका से नहीं बल्कि टीवी सीरीज के एक किरदार से जोड़ते हैं।
जज ने विराट कोहली के नाम का भी किया जिक्र
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कहा कि क्रिकेटर विराट कोहली का घर का नाम (निकनेम) चीकू है, जो चंपक पत्रिका के किरदारों में से एक है। उन्होंने पूछा कि प्रकाशक ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।
अदालत द्वारा यह दिखाने के लिए कहा गया कि उल्लंघन का आरोप कैसे लगाया गया है, तो वादी के अधिवक्ता ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) एक व्यावसायिक कार्यक्रम है और ये इसका विज्ञापन, विपणन और कमाई भी कर रहा है।
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