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    CM रेखा गुप्ता के सामने क्या होंगी चुनौतियां? दिल्ली में ठप पड़ी हैं कई बड़ी योजनाएं

    Updated: Fri, 21 Feb 2025 12:15 PM (IST)

    दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सामने कई बड़ी चुनौतियां होंगी। दिल्ली में कई बड़ी योजनाएं पिछले सालों में ठप पड़ी हैं। इनमें पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता मजबूत स्वास्थ्य ढांचा प्रदूषण कम करना पर्यटन को बढ़ावा देना सड़कों की दशा सुधारना नए फ्लाईओवर और कॉरिडोर बनाना शामिल है। क्या रेखा गुप्ता इन चुनौतियों का सामना कर पाएंगी? आगे विस्तार से पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

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    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सामने कई बड़ी चुनौतियां होंगी। फोटो - एएनआई

    वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी कैबिनेट के साथ बृहस्पतिवार को कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने अपनी कैबिनेट की पहली बैठक भी ले ली है। मगर इसके साथ ही पिछले सालों में ठप रहीं योजनाओं का मुद्दा भी उठ गया है। इनमें से कई पर काम ठप हो गया है तो कई आगे नहीं बढ़ पाई हैं, कई जमीन पर भी नहीं उतर पाई हैं। 

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    वहीं, अब भाजपा की सरकार पर इन्हें आगे बढ़ाने की चुनौती रहेगी। इनमें पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता के साथ मजबूत स्वास्थ्य ढांचे से लेकर प्रदूषण को कम करना और पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देने जैसे मुद्दे शामिल हैं। सड़कों की दशा सुधारने से लेकर नए फ्लाईओवर और कॉरिडोर बनाने की योजनाएं भी इसमें शामिल हैं। किस विभाग की क्या हैं चुनौतियां होंगी आइए डालते हैं एक नजर। 

    सार्वजनिक परिवहन 

    • दिल्ली की बसों के मामले में स्थिति ऐसी है कि जितनी नई आ पा रहीं, उतनी ही सड़कों से हटती जा रही हैं। लोग घंटों सड़कों पर बसों के लिए खड़े रहते हैं। बसों की कमी को दूर करने के लिए पुरानी बसें भी चलाई जा रही हैं, जो रास्ते में अक्सर खड़ी हो जाती हैं। बसों की कमी का असर शहर की यातायात व्यवस्था पर भी पड़ रहा है। 
    • इसके अलावा फूड ट्रक योजना शुरू होनी थी, जिसके तहत रात दो बजे तक चौक चौराहों पर गर्मागरम स्वादिष्ट स्ट्रीट फूल उपलब्ध कराए जाने की योजना थी। रात में लोग घर से घूमने के लिए निकलें और अपनी मनपसंद का भोजन देर रात तक ले सकें। दिल्ली में 2,000 क्लाउड किचन खोले जाने की योजना है। वहीं दिल्ली में डबल डेकर बसों के शुरू किए की योजना थी। जो कागजों में सिमट गई।

    डूसिब 

    • दिल्ली में 36000 फ्लैट वर्षों से बनकर तैयार हैं। दिल्ली की आप सरकार अपने दोनों कार्यकाल में इस योजना को आगे नहीं बढ़ा सकी और गरीब झुग्गी वाले फ्लैट तैयार होने के बाद भी आवंटन की उम्मीद लगाए रहे। 
    • दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना भी दिल्ली में लागू नहीं की थी। अब गरीबों के आवास पर उम्मीद जगी है। 
    • दिल्ली में गरीबों के आवास की बात करें तो दिल्ली की स्थिति यह है कि पिछले 10 सालों में ऐसी स्थिति रही है कि एक तरफ गरीबों के 36000 फ्लैट तैयार खड़े रहे और दूसरी तरफ झुग्गी झोपड़ी वाले परेशान रहे।

    स्वास्थ्य 

    • आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत गरीब परिवारों को पांच लाख तक का स्वास्थ्य बीमा का प्रविधान है। दिल्ली में करीब 10 लाख परिवारों को लाभ मिलना था। इस वर्ष इस योजना में 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को शामिल किया गया, लेकिन योजना दिल्ली में लागू नहीं होने से बुजुर्ग भी अब तक इस योजना के लाभ से वंचित हैं। 
    • दूसरी योजना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना भी लागू नहीं हो पाई है। अब यदि यह योजना लागू होती है तो दिल्ली में 1139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए जा सकते हैं।

    दिल्ली जल बोर्ड 

    • आप की दिल्ली सरकार ने वर्ष 2015 तक सभी को 24 घंटे स्वच्छ पानी देने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अभी भी राजधानी के प्रत्येक घर में नल से जल नहीं पहुंच रहा। 
    • कई अनधिकृत कालोनियों व झुग्गी बस्तियों के साथ ही कई नियमित कालोनियों में टैंकर से पानी खरीदने को लोग मजबूर हैं। गर्मी के दिनों में समस्या और गंभीर हो जाती है। दिल्ली में लगभग 1000 मिलियन गैलन (एमजीडी) पानी उपलब्ध है, आवश्यकता 1200 एमजीडी की है। 
    • दिल्ली में 550 एमजीडी उपचारित अपशिष्ट जल मिलता है, इसमें से सिर्फ 89 एमजीडी का उपयोग किया जा रहा है। गैर पेयजल कार्यों में उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग बढ़ाना होगा। 
    • दिल्ली के 37 एसटीपी में से अधिकांश मानक के अनुरूप नहीं हैं। इसके उन्नयन का काम चल रहा है, जिसमें तेजी लाने की जरूरत है। यमुना को साफ करने के लिए यह जरूरी है।

    लोक निर्माण विभाग 

    • लंबे समय से अटके ईस्ट-वेस्ट सिग्नल फ्री एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई को 39 किलोमीटर से घटाकर 19 किलोमीटर किया गया है, इसके तहत आनंद विहार से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक रेलवे लाइन के साथ साथ सिग्नल फ्री कारिडोर बनाया जाना है। 
    • लोगों को जाम से राहत देने के लिए प्रस्तावित सिग्नल फ्री नार्थ-साऊथ कारिडोर को अब जखीरा से धौलाकुआं तक बनाने की योजना है। पहले इसे वजीराबाद के सिग्नेचर ब्रिज से बनाने की योजना थी। लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और सिंचाई एवं बाढ़ विभाग की कुछ आपत्तियों के चलते फिलहाल इसे वजीराबाद से बनाने को टाल दिया गया था। 
    • मां आनंदमई एलिवेटेड कारिडोर योजना के तहत मां आनंदमई मार्ग पर सिग्नल फ्री एलिवेटेड कारिडोर बनेगा। इसके बाद इस मार्ग पर करीब साढे पांच किलामीटर लंबाई में आ रहे 12 कट, बत्तियां आदि बंद हो जाएंगी।

    अस्पतालों से संबंधित निर्माण भी ठप 

    दिल्ली के जिन चार नए अस्पतालों का काम दिसंबर के अंत तक पूरा किए जाने का लक्ष्य आप सरकार ने रखा गया था, उन्हें आगे नहीं बढ़ा सकी। जबकि इनका काम 80 प्रतिशत से भी अधिक हो चुका है।

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