BSc नर्सिंग कोर्स में सिर्फ महिलाओं को आवेदन देने से जुड़े प्रविधान को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती
एम्स (AIIMS) गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय में बीएससी (आनर्स) नर्सिंग पाठ्यक्रमों में सिर्फ महिला उम्मीदवारों को ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एम्स (AIIMS), गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय में बीएससी (आनर्स) नर्सिंग पाठ्यक्रमों में सिर्फ महिला उम्मीदवारों को आवेदन की अनुमति देने के प्रविधान को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ममोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा की पीठ ने इंडियन प्रोफेशनल नर्सेज एसोसिएशन की जनहित याचिका पर केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ संस्थानों और भारतीय नर्सिंग काउंसिल को नोटिस जारी किया। चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अदालत ने 19 फरवरी तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।
याचिकाकर्ता संगठन की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता राबिन राजू ने कहा कि याचिका में लिंग आधारित पात्रता को चुनौती दी गई है और देश में नर्सों की कमी को देखते हुए सभी लिंग के व्यक्तियों को पाठ्यक्रम में आवेदन करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
याचिका में कहा गया है कि यह चिंताजनक तथ्य है कि आज भी पुरुष और तीसरे लिंग के उम्मीदवारों को नर्सिंग द्वारा निर्धारित प्रवेश प्रक्रिया में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। यह भी कहा कि में कहा गया है कि महिलाओं को छोड़कर सभी लिंगों को दिल्ली के प्रमुख और किफायती नर्सिंग कालेजों में बीएससी (आनर्स) नर्सिंग पाठ्यक्रम का अध्ययन करने का अवसर न देना मनमाना और लोकतंत्र, निष्पक्षता और समानता के सिद्धांतों के खिलाफ है।

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