आनंद के इस्तीफे के बाद AAP के सामने खड़ी हुई ये चुनौती, लोकसभा चुनाव पर क्या दिल्ली में पार्टी को पड़ेगा असर
आप सरकार में वंचित वर्ग का चेहरा राजकुमार आनंद ने मंत्री पद विधायकी से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा देने के बाद जिस तरह से आप पर वंचित वर्गों की उपेक्षा का आरोप लगाया है इससे इस मुद्दे पर एक नई बहस छिड़ गई है। आनंद ने आम आदमी पार्टी पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। आप सरकार में वंचित वर्ग का चेहरा राजकुमार आनंद ने मंत्री पद, विधायकी से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा देने के बाद जिस तरह से आप पर वंचित वर्गों की उपेक्षा का आरोप लगाया है इससे इस मुद्दे पर एक नई बहस छिड़ गई है। आनंद ने यहां तक कह दिया है कि दिल्ली से लेकर पंजाब तक राज्यसभा सदस्यों में से एक भी राज्यसभा सदस्य वंचित वर्ग नहीं बनाया गया है और न ही संगठन में वंचित वर्गों को नेतृत्व दिया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाने पर पार्टी के सामने समस्या खड़ी हो सकती है। क्योंकि यह वह समय है जब आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मुख्यमंत्री अरविंद केंजरीवाल जेल में हैं। इसी मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में हैं।
इस समय आप मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद भी इस बात को स्थापित करने के लिए जूझ रही है कि मुख्यमंत्री सहित उनके नेताओं ने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है। आप अपने तर्कों से भी जनता में पाक-साफ होने का संदेश देने की कोशिश कर रही है।
आप के लिए पैदा हुआ समस्या
मगर इसी दौरान उनकी सरकार के मंत्री द्वारा पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा देना आप को नुकसान पहुंचाने की ओर ले जाता है। यहां तक कि जिस आबकारी घोटाले को आप फर्जी बता रही है, इस पर भी आनंद द्वारा सवाल उठा देने से आप के लिए समस्या पैदा हुई है।
राजकुमार अपने समाज में रखते हैं मजबूत पकड़
आप भले ही इसे भाजपा की साजिश बताकर अपनी बात रख रही है मगर आनंद द्वारा खिलाफ बयान देने से आम आदमी पार्टी को नुकसान हो सकता है। आनंद जाटव समाज से हैं, राजनीतिक गलियारों में बताया जाता है कि वह पटेल नगर और आसपास जाटव समाज में मजबूत पकड़ रखते हैं।
पटेल नगर से जीते
इतना ही नहीं साल 2020 में हुए पटेलनगर विधानसभा चुनाव में उन्हें कुल 61 प्रतिशत वोट मिले थे। जाटव समाज से होने के चलते ही राजेंद्र पाल गौतम के मंत्री से हटने के बाद उन्हें मौका मिला था। आप चाहती थी कि जाटव समाज से आने वाले राजेंद्र पाल गौतम को मंत्री पद से हटने के बाद इसी बिरादरी से ही किसी को मंत्री बनाया जाए।
आप के वोट बैंक पर पड़ सकता है असर
ऐसे में भी आनंद का नाम सबसे ऊपर आया था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उनका इस्तीफा चुनावों में आप के वोट बैंक पर असर डाल सकता है। राजकुमार अलीगढ़ से आते हैं साल 2011 में वह इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के सक्रिय सदस्य थे।
आप के पास ये है चुनौती
आनंद के इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी को एकजुट रखने की भी चुनौती बढ़ गई है, क्योंकि 12 साल पहले बनी पार्टी में तमाम लोग अपने भविष्य को देखते हुए जुड़े थे, मगर पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं के जेल चले जाने से पार्टी के कार्यकर्ताओं को झटका लगा था, मगर अब एक मंत्री द्वारा पद से इस्तीफा दे देने से यह साफ हो रहा है कि पार्टी में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है।
आनंद के बारे में किसी को पता तक नहीं चल सका। वह बुधवार को दिल्ली सचिवालय में अपने कार्यालय भी गए थे। उसके बाद वहां से निकलकर मंत्री पद और पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी।
हालांकि आम आदमी पार्टी ऐसा नहीं मानती है। पार्टी का कहना है कि उनकी पार्टी ही सही मायने में बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चल रही है। अन्य दल केवल बाबा साहेब की फोटो ही लगाते रहे हैं। यहां तक कि पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट सामान्य होने के बाद भी इस सीट पर बाल्मीकि बिारादरी से कुलदीप कुमार को प्रत्याशी बनाया गया है।

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