Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Budget 2019: सीएम केजरीवाल ने बोला हमला, बजट को बताया 'फाइनल जुमला'

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Sat, 02 Feb 2019 07:58 AM (IST)

    केंद्रीय करों और शुल्कों में दिल्ली के हिस्से में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है, हालांकि दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इसमें ...और पढ़ें

    Hero Image
    Budget 2019: सीएम केजरीवाल ने बोला हमला, बजट को बताया 'फाइनल जुमला'

    नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश  किया। इसमें नई सरकार के सत्ता संभालने तक 4 माह के खर्च के लिए लेखानुदान को मंजूरी दी जाएगी। इस बजट को लेकर लोगों को काफी उम्‍मीदें हैं, इसमें कई तरह की अहम और लोकप्रिय घोषणाएं की गई हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, पूरे बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने 'फाइनल जुमला; बताया है। उन्होंने कहा कि यह मोदी का फाइनल जुमला है। इस अंतरिम बजट ने दिल्ली के लोगों को निराश किया है। केंद्रीय करों में हमारा हिस्सा 325 करोड़ पर ठहरा हुुआ है, वहीं स्थानीय निकायों को भी कुछ नहीं मिला है। यानी दिल्ली के लोगों को अपने बजट पर निर्भर रहना होगा।

    दिल्ली को मिले 1112 करोड़ रुपये

    आम बजट 2019 (Union Budget 2019) में केंद्र ने दिल्ली को 2019-20 के लिए 1112 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। केंद्रीय करों और शुल्कों में दिल्ली के हिस्से में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है, हालांकि दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इसमें बढ़ोतरी की मांग की थी। वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा शुक्रवार को पेश 2019-20 के आम बजट में दिल्ली सरकार को 1112 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता का प्रस्ताव किया गया है।

    यहां पर बता दें कि पिछले बजट में दिल्ली सरकार के लिए आवंटन 790 करोड़ रुपये रहा था, जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 499 करोड़ रुपये थी। शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट में दिल्ली सरकार को 10 करोड़ रुपये  की राशि दी गई है, जिसका उपयोग 1984 सिख दंगों पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए किया जाएगा। इतनी ही राशि पिछले वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में भी दी गई है।  

    वहीं, दिल्ली आपदा प्रतिक्रिया कोष (Delhi Disaster Response Fund) को भी पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं। पिछले साल भी यही राशि थी, इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। 

     उम्मीदों के अनुसार ही वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इस अंतरिम बजट में आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए टैक्स छूट की सीमा पांच लाख तक बढ़ा दी है। अभी तक टैक्स छूट की सीमा ढाई लाख रुपये थी।

    सरकार की इस घोषणा से 3 करोड़ नौकरीपेशा लोगों को राहत मिलेगी। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि अब साढ़े छह लाख तक की आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया।

    यही नहीं एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर 40 हजार तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जैसे ही आयकर की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की घोषणा की, वैसे ही लोकसभा में मोदी-मोदी के नारे लगने लगे।

    चाहे जितनी भी आपकी आमदनी हो कुछ धाराओं के तहत छूट मिलती ही है। ऐसी ही एक धारा है 80C... इसके तहत आपको डेढ़ लाख रुपये तक की छूट मिलती है। यानि 80C के तहत आप जितना भी निवेश करेंगे उसमें से अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक पर आपको 100 फीसद टैक्स छूट मिलती है। बता दें कि लाइफ इंश्योरेंस, पीपीएफ, एनपीएस, ईएलएसएस में निवेश और बच्चों की स्कूल फीस आदि 80C के तहत आते हैं।