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    दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा-BCAS की कार्रवाई सही, तुर्किये की कंपनी Celebi को झटका देते हुए केंद्र सरकार के हक में फैसला

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 08:55 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने तुर्किये की कंपनी Celebi को सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले के खिलाफ राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा और अप्रत्याशित खतरे को ध्यान में रखते हुए कहा कि हवाई अड्डों के संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुंच रखने वाली एजेंसी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई जरूरी थी। अदालत ने BCAS के फैसले को उचित ठहराया और सुरक्षा को सबसे ऊपर माना।

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    राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे का हवाला Celebi की याचिकाएं खारिज।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सुरक्षा मंजूरी रद के निर्णय के विरुद्ध तुर्किये की कंपनी Celebi को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगा है।

    राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ अप्रत्याशित खतरे का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि प्रकरण में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं।

    पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी स्थिति में हवाई अड्डों के संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुंच रखने वाली ग्राउंड या कार्गो हैंडलिंग एजेंसी के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई स्वाभाविक तौर पर जरूरी होगी।

    Operation Sindoor में तुर्किये की ओर से पाकिस्तान का समर्थन करने पर ने 15 मई को Celebi Airport Sevices India Private Limited और Celebi Delhi Cargo Terminal Management India Private Limited की सुरक्षा मंजूरी रद कर दी थी।

    हाई कोर्ट ने 94 पेज का निर्णय सुनाया

    इस निर्णय को फर्म ने चुनौती दी थी। Celebi को राहत देने से इनकार करते हुए पीठ ने अपने 94 पेज के निर्णय में कहा कि खुफिया एजेंसी से प्राप्त इनपुट के आधार पर किसी भी सुरक्षा मंजूरी को रद करने के उद्देश्य से बीसीएएस के महानिदेशक की ओर से की गई कार्रवाई को विमान नियम -2023 के तहत असंगत नहीं माना जा सकता है।

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    पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की ओर से दिए गए तर्क इसके विपरीत हैं। विशेष तौर पर देश के बाहर से संघर्ष की स्थिति में यह देश की सुरक्षा के लिए बेहद हानिकारक होगा।

    Celebi के तर्कों को पीठ ने किया खारिज

    पीठ ने रिकार्ड पर लिया कि Celebi की दोनों फर्में देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो टर्मिनल कार्यों की देखरेख करते हैं।

    प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं करने के Celebi कंपनियों के तर्क को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि यह सत्य है कि सुरक्षा अन्य सभी अधिकारों से ऊपर है।

    पीठ ने कहा कि अधिकारियों द्वारा देश के नागरिक उड्डयन और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किए जाने की संभावना को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए त्वरित और निश्चित कार्रवाई करना उचित था।

    राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए की गई कार्रवाई

    अदालत ने कहा कि हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं, एयरसाइड संचालन, विमान, कार्गो, यात्री सूचना प्रणाली और सुरक्षा क्षेत्रों तक पहुंच प्रदान करती हैं।

    ऐसे में एयरपोर्ट जैसे संवेदनशील व बुनियादी ढांचे तक इस तरह की बेलगाम पहुंच को देखते हुए आपरेटरों और उनके विदेशी संबंधों के लिए सख्त सुरक्षा जांच की जरूरत बढ़ जाती है।

    पीठ ने माना कि राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए अधिकारियों को तुर्किए की फर्म के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करनी पड़ी।

    पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा शब्द के उल्लेख मात्र से न्यायिक समीक्षा को बाहर नहीं किया जा सकता है और राज्य को नागरिकों को कानून के तहत दिए गए उपायों से वंचित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

    Celebi की ओर से दिए गए तर्क 

    Celebi की फर्माें की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि इस मामले में बगैर नाेटिस दिए सुरक्षा मंजूरी रद करने के कारण प्राकृतिक न्याय के साथ ही विमान सुरक्षा नियम- 2023 के नियम 12 का पूर्ण उल्लंघन हुआ है।

    इसके तहत सरकार का फैसला अमान्य और निरर्थक है। Celebi भारतीय विमानन क्षेत्र में 15 वर्षों से अधिक समय से काम कर रही है और इसमें 10 हजार से अधिक लोग कार्यरत हैं। यह नौ हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं प्रदान करती है।