CBSE ने स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने को किया अनिवार्य, विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर लिया फैसला
सीबीएसई ने दिल्ली के सभी संबद्ध स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए हैं। प्रवेश द्वार गलियारों और कक्षाओं जैसे क्षेत्रों में उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों में ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग और 15 दिनों का बैकअप आवश्यक है। यह कदम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की गाइडलाइंस के अनुरूप है। इसका उद्देश्य स्कूलों में सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सभी संबद्ध स्कूलों में हाई-रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाने को अनिवार्य कर दिया है। बोर्ड ने अपने संबद्धता उपनियम-2018 के अध्याय 4 (भौतिक अवसंरचना) में संशोधन करते हुए यह नियम लागू किया है।
सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता ने बोर्ड से संबंधित सभी स्कूलों को यह निर्देश विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जारी किया गया है। इसके तहत सभी स्कूलों को अपने प्रवेश और निकास द्वार, गलियारों, सीढ़ियों, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, कैंटीन, स्टोर रूम, खेल मैदान और अन्य साझा क्षेत्रों (कॉमन एरिया) में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। हालांकि, शौचालय को इससे बाहर रखा गया है।
हर कैमरे में होगी ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरों में रियल टाइम आडियो-विजुअल रिकार्डिंग की सुविधा होनी चाहिए। साथ ही, कम से कम 15 दिनों की रिकार्डिंग का बैकअप रखना अनिवार्य होगा, जिसे जरूरत पड़ने पर जांच एजेंसियां या बोर्ड अधिकारी जांच के लिए उपयोग कर सकें।
बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि: सीबीएसई
सीबीएसई के मुताबिक यह कदम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की स्कूलों में विद्यार्थइयों की सुरक्षा और संरक्षा से जुड़ी गाइडलाइंस के अनुरूप है। बोर्ड ने कहा कि विद्यार्थियों को सुरक्षित वातावरण देना स्कूलों की पहली जिम्मेदारी है। इसमें शारीरिक सुरक्षा के साथ-साथ भावनात्मक और मानसिक सुरक्षा भी शामिल है। स्कूलों में बुलिंग, उत्पीड़न, मनो-सामाजिक मुद्दा और अन्य खतरों से बचाने के लिए यह व्यवस्था बेहद जरूरी है।
बोर्ड ने कहा कि स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक, विशेष सहायकों, कर्मचारियों और यहां तक कि विद्यार्थियों को भी सुरक्षा के इस माहौल को बनाए रखने में भूमिका निभानी होगी। बोर्ड ने कहा कि स्कूलों में सुरक्षा के दो पहलू हैं। पहला शरारती असामाजिक तत्वों से सुरक्षा और दूसरा बदमाशी और अन्य अंतर्निहित खतरों के संदर्भ में विद्यार्थियों की समग्र भलाई के लिए सुरक्षा। बोर्ड ने कहा कि सतर्क और संवेदनशील कर्मचारियों और नवीनतम तकनीक के उपयोग से ऐसी सभी संभावनाओं को रोका जा सकता है। बोर्ड ने निर्देश दिया कि स्कूलों में सीसीटीवी की नियमित रूप से निगरानी और रखरखाव किया जाना चाहिए।
इतने स्कूलों में है सीसीटीवी
- दिल्ली सरकार ने वर्ष 2019 में सभी सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की एक परियोजना शुरू की थी। परियोजना के तहत इन स्कूलों में कुल 78,746 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।
- दिसंबर 2023 में, दिल्ली नगर निगम ने अपने 786 स्कूल परिसरों में 10,786 सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना की घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य प्रत्येक स्कूल में 10 आइपी-सक्षम वैंडल डोम कैमरे और 5 बुलेट कैमरे लगाना है।
- सीबीएसई ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 की बोर्ड परीक्षा को लेकर सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था। लगभग आठ हजार स्कूल सीबीएसई परीक्षा का केंद्र बने थे। ऐसे में देशभर में सीबीएसई के आठ हजार स्कूलों में भी सीसीटीवी लगा है।
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