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    CBSE बोर्ड परीक्षा में बड़ा बदलाव, सभी विषयों की दो साल तक होगी पढ़ाई; कई नियम बदलें

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 06:35 PM (IST)

    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में कई बदलाव किए हैं। अब परीक्षा दो वर्षीय प्रोग्राम होगी जिसमें विषय को दो साल पढ़ना अनिवार्य है। 75% उपस्थिति और आंतरिक मूल्यांकन भी अनिवार्य कर दिया गया है। बोर्ड ने स्कूलों को बिना अनुमति नया विषय शुरू करने से मना किया है। ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप हैं।

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    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में कई बदलाव किए हैं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अहम बदलाव किए हैं। अब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो वर्षीय प्रोग्राम मानी जाएगी। यानी किसी भी विषय की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्र को उस विषय की दो साल तक पढ़ाई करना अनिवार्य होगा।

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    उदाहरण के लिए, अगर छात्र ने नौवीं कक्षा में फैशन डिजाइनिंग और पेंटिंग को वैकल्पिक विषय के रूप में लिया है, तो उसे नौवीं के साथ-साथ दसवीं में भी ये दोनों विषय पढ़ने होंगे। छात्र दसवीं कक्षा में अपना विषय नहीं बदल सकेगा। यही स्थिति 11वीं और 12वीं कक्षा में भी लागू होगी।

    बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि नौवीं-10वीं कक्षा में छात्र को पांच मुख्य विषयों के साथ दो अतिरिक्त विषय और 11वीं-12वीं कक्षा में छात्र को पांच मुख्य विषयों के साथ एक अतिरिक्त विषय लेने की अनुमति होगी।

    सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप हैं और शिक्षा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी व प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लागू किए जा रहे हैं।

    साथ ही, बोर्ड ने यह भी कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति बनाए रखनी होगी और सभी विषयों में आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य होगा। अगर छात्र स्कूल नहीं आते हैं, तो उनका आंतरिक मूल्यांकन नहीं किया जाएगा और न ही परिणाम घोषित किया जाएगा। नियमों का पालन नहीं करने वाले छात्रों को आवश्यक पुनरावृत्ति श्रेणी में रखा जाएगा।

    सीबीएसई ने स्कूलों को चेतावनी दी है कि वे बोर्ड की अनुमति के बिना कोई नया विषय शुरू नहीं कर सकते। अगर स्कूल के पास मान्यता प्राप्त शिक्षक, प्रयोगशालाएं और संसाधन नहीं हैं, तो वे किसी भी विषय को मुख्य या अतिरिक्त विषय के रूप में नहीं पढ़ा पाएंगे।

    वहीं, जिन छात्रों ने पहले अतिरिक्त विषय लिए थे और जो कंपार्टमेंट या आवश्यक पुनरावृत्ति की श्रेणी में हैं, उन्हें निजी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी।