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    Delhi: फर्जी जीएसटी बिलिंग के खिलाफ सीबीआइसी चलाएगी अभियान, उत्पीड़न की आशंका से व्यापारी चिंतित

    By Nimish HemantEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 11 May 2023 03:06 PM (IST)

    इसमें संदिग्ध जीएसटी खातों की पहचान करने के साथ फर्जी बिलों को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के बाहर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। यदि संबंधित टैक्सपेयर्स काल्पनिक पाया जाता है तो उस रजिस्ट्रेशन को रद्द किया जा सकता है।

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    Delhi: फर्जी जीएसटी बिलिंग के खिलाफ सीबीआइसी चलाएगी अभियान, उत्पीड़न की आशंका से व्यापारी चिंतित

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फर्जी जीएसटी पंजीकरण का पता लगाने और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के दावे कर अनुचित लाभ उठाने वालों के खिलाफ केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) दो महीने का अभियान छेड़ रहा है।

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    16 मई से देशभर में चलेगा अभियान

    केंद्र और राज्यों के सभी कर विभाग 16 मई से 15 जुलाई तक विशेष अभियान चलाएंगे। इसमें संदिग्ध जीएसटी खातों की पहचान करने के साथ फर्जी बिलों को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के बाहर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। यदि संबंधित टैक्सपेयर्स काल्पनिक पाया जाता है, तो उस रजिस्ट्रेशन को रद्द किया जा सकता है। इस अभियान का आदेश चार मई को आया है।

    दिल्ली के बाजारों में भी गहमागहमी बढ़ी

    सीबीआइसी के अभियान पर दिल्ली के बाजारों में भी गहमागहमी बढ़ गई है। सभी व्यापारी संगठन एक-दूसरे से चर्चा कर रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब रिकार्ड जीएसटी संग्रहण हो रहा है तो फिर ऐसे अभियान की क्या आवश्यकता है, जो व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ाएगा। अपनी चिंताओं को लेकर व्यापारी दिल्ली के जीएसटी आयुक्त से भी मुलाकात करने की तैयारी कर रहे हैं।

    चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि तमाम कारोबारी संगठनों और उद्यमियों के फोन आ रहे हैं। सभी की अपनी चिंताएं हैं। जब-जब इस तरह के अभियान चले हैं, तब-तब बाजार में माहौल तनावपूर्ण रहा है।

    वैट के दौर में भी ऐसे अभियान चलते थे। तब देखा जाता था कि मार्केट में इंस्पेक्टर राज और रिश्वतखोरी को बढ़ावा मिलता था। दुकान-दुकान इंस्पेक्टर जाते हैं। इसमें कई बार ईमानदार व्यापारी को भी दिक्कत झेलनी पड़ती थी, साफ-सुथरा काम करने के बावजूद छोटी-मोटी त्रुटि पर प्रताड़ना सहनी पड़ती है।

    बहुत हद तक आशंका रिश्वतखोरी और इंस्पेक्टर राज बढ़ने की होती है। जबकि फर्जी कंपनी चलाने वाले सही पता के बिना, फर्जी तरीके से काम कर रहे हैं। उन पर इस तरह के अभियान का कोई असर नहीं पड़ता है।

    बाजारों में फैलेगा भय और डर का माहौल

    सीटीआआइ महासचिव व कारोबारी विष्णु भार्गव तथा रमेश आहूजा ने कहा कि यदि किसी बाजार में फर्जी व्यापारियों की सूचना है, तो रजिस्टर्ड मार्केट एसोसिएशन से संपर्क किया जा सकता है। उनकी मदद लेकर दोषियों को पकड़ सकते हैं।

    बाजार में अधिकारी पहुंचकर दुकान-दुकान पर सर्वेक्षण करेंगे, तो बाजार में डर और भय का माहौल पैदा होगा। इससे कारोबार प्रभावित होगा। बता दें कि देश में जीएसटी कर प्रणाली के तहत 1.39 करोड़ करदाता रजिस्टर्ड हैं।

    फर्जी पर हो कार्रवाई, पर सही न हों परेशान: बृजेश गोयल

    सीटीआइ चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि फर्जी डीलर्स या बोगस डीलर्स को खत्म होना चाहिए। इनके खिलाफ कार्रवाई हो। मगर, सही डीलर्स को परेशानी नहीं होनी चाहिए। यदि किसी सही डीलर ने अनजाने में गलत लोगों के साथ व्यापार किया है तो उसे आरोपी बनाने के बजाए पीड़ित समझा जाए। उनके ऊपर कोई सख्ती नहीं हो। इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डेटा जुटाकर एजेंसी के हाथ मजबूत हो गए हैं।