Move to Jagran APP

केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किल बढ़ी, CBI ने दर्ज की एफआइआर

दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन पर वित्त वर्ष 2015- के दौरान 4.63 करोड़ की मनी लांडिंग का आरोप है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 25 Aug 2017 03:39 PM (IST)Updated: Fri, 25 Aug 2017 03:39 PM (IST)
केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किल बढ़ी, CBI ने दर्ज की एफआइआर
केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किल बढ़ी, CBI ने दर्ज की एफआइआर

नई दिल्ली (जेएनएन)। हवाला ऑपरेटरों की मदद से करोड़ों रुपये के कालेधन को सफेद करने के मामले में फंसे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बड़ी मुश्किल में आ गए हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज कर दिया है। 

loksabha election banner

ने बृहस्पतिवार को लगभग आठ घंटे तक पूछताछ की। मंत्री सुबह 11 बजे एजेंसी के मुख्यालय पर पहुंचे। उनके खिलाफ करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है। वहीं, मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि उनकी खोजबीन व उनसे पूछताछ के लिए सीबीआइ की टीम उनके घर पहुंची है।

बता दें कि आयकर विभाग पहले ही बेनामी संपत्ति कानून के तहत जैन की करोड़ों रुपये की संपत्ति को अटैच करने का आदेश जारी कर चुका है।

दरअसल सत्येंद्र जैन की स्वामित्व वाली कंपनी मंगलायतन प्रोजेक्ट्स, पारस इंफोसाल्यूशंस और अकिंचन डेवलपर्स में हवाला के मार्फत करोड़ों रुपये उनके दिल्ली सरकार में मंत्री बनने के बाद भी आए थे। सीबीआइ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत जांच कर रही है।

इस मामले में पहले ही प्रारंभिक जांच का केस दर्ज कर लिया गया था। कहा जा रहा था कि यदि जैन सीबीआइ को सफाई देने विफल रहे तो उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जा सकती है। अब ऐसा ही हुआ। सीबीआइ ने मामला दर्ज कर लिया है।

सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सत्येंद्र जैन से मंत्री बनने के बाद उनके परिवार की कंपनियों में आए धन के बारे में पूछताछ की गई थी। उन पर वित्त वर्ष 2015- के दौरान 4.63 करोड़ की मनी लांडिंग का आरोप है।

उधर, आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि जैन ने हवाला ऑपरेटरों की मदद से जो काला धन सफेद किया, उससे दिल्ली में 200 बीघा से अधिक कृषि भूमि खरीदी।

यह जमीन उनके नियंत्रण वाली कंपनियों के नाम अवैध कालोनियों के पास खरीदी गई, ताकि इनके नियमित होने पर इस जमीन को ऊंची कीमत पर बेचा जा सके।

जमीन खरीद पंजीकरण के कागजों पर भी जैन की तस्वीर लगी है। सत्येंद्र जैन ने मंत्री बनने से पहले इन कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कंपनियों पर उनका और उनके परिवार के सदस्यों का ही नियंत्रण है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.