Cancer Test : रक्त के नमूने से होगी कैंसर की जांच, 8000 रुपये में हो जाएगा एक लाख का टेस्ट
डा. किशोर सिंह ने करार पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि टेप स्कैन को भारतीय वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। हमने इस तकनीक के लिए केयर आनको बायोटेक से करार किया है। कैंसर इंस्टीट्यूट टेप स्कैन टेस्ट को सत्यापित करने में मदद करेगा।
नई दिल्ली [स्वेदश कुमार]। कैंसर का पता लगाने के लिए अभी कई तरह की जांच से गुजरना पड़ता है। लेकिन आने वाले समय में रक्त के नमूने से ही कैंसर की जांच हो जाएगी। इसके लिए दिलशाद गार्डन स्थित दिल्ली कैंसर इंस्टीट्यूट ने निजी कंपनी के साथ करार किया है। केयर आनको बायोटेक नामक कंपनी रक्त से कैंसर का पता लगाने के लिए टेप स्कैन नामक जांच करेगी। हालांकि अभी यह परीक्षण के दौर में है। अगले पांच सालों में कंपनी दिल्ली कैंसर इंस्टीट्यूट के लगभग 15 हजार मरीजों की जांच करेगी।
किसी मरीज से नहीं लिया जाएगा शुल्क
कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक डा. किशोर सिंह ने जांच के लिए मरीजों की स्वीकृति ली जाएगी। किसी मरीज से शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्हें रिपोर्ट भी साझा नहीं की जाएगी। परीक्षण पूरा होने के बाद जांच की दर गैर लाभ-हानि पर आधारित होगी।
भारतीय वैज्ञानिकों ने तैयार किया है टैप स्कैन
डा. किशोर सिंह ने करार पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि टेप स्कैन को भारतीय वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। हमने इस तकनीक के लिए केयर आनको बायोटेक से करार किया है। कैंसर इंस्टीट्यूट टेप स्कैन टेस्ट को सत्यापित करने में मदद करेगा। इससे इसकी सटीकता की जानकारी भी मिलेगी। इसकी रिपोर्ट एक से डेढ़ घंटे में आ जाएगी। केयर आनको बायोटेक की संस्थापक निदेशक रूपा मित्रा ने बताया कि हमारी कोशिश है कि लोगों को सही वक्त पर बीमारी की जानकारी मिले, ताकि इलाज में देरी न हो।
शुरुआती स्तर पर पता चलने से बढ़ जाती है निदान की संभावना
शुरुआती स्तर पर कैंसर की पहचान से उसके निदान की संभावना काफी बढ़ जाती है। आइआइटी, दिल्ली के कंप्यूटेशनल बायोलाजी और कंप्यूटर साइंस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर व कंपनी के मुख्य विज्ञानिक सलाहकार डा. देबारका सेन गुप्ता ने कहा कि इस टेस्ट की खोज की बाद मुझे काफी गर्व हो रहा है कि हमने इसको सत्यापित करने को लेकर दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान से हाथ मिलाया है।
करीब 15000 मरीजों पर होंगे टेस्ट
अलग अलग तरह के कैंसर से पीड़ित 15,000 मरीजों के टेस्ट के दम पर हमारे पास एक पुख्ता डेटा उपलब्ध होगा, जिससे कि आने वाले वक्त में लिक्विड बायोप्सी पर आधारित कैंसर की स्क्रीनिंग में एक क्रांतिकारी बदलाव आएगा। बता दें कि टेप स्कैन लेबोरेट्री और पायलट प्रोजेक्ट पूरा कर चुका है। अब यह कितना सटीक है, इसकी पुष्टि इन जांचों से होगी। आइआइटी कंप्यूटेशनल बायोलाजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और केयर आनको बायोटेक में लैब आपरेशन के प्रमुख सलाहकार डा. गौरव आहूजा ने कहा कि टेप स्टैन टेस्ट में समय कम लगता है और भरोसेमंद भी है।
आठ से 10 हजार रुपये में होगी जांच
करार के दौरान कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि हर साल कैंसर के 14 लाख नए मरीजों की पहचान होती है। इनमें से 80 प्रतिशत मरीजों को बीमारी का पता तीसरे या चौथे चरण में चलता है। दूसरे देशाें में इस टेस्ट की कीमत 50 हजार से एक लाख रुपये के बीच है। परीक्षण के बाद भारत में इस टेस्ट का शुल्क आठ से 10 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है। दूसरे देशों में उपलब्ध कैंसर के टेस्ट की सटीकता 50 प्रतिशत है जबकि यह टेस्ट 95 फीसद तक सटीक है।