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Delhi Crime News: पूर्व एलजी की धौंस देकर एसआइ ने ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर कमाएं करोड़ों रुपये

पहले तो वह खुद अकेले अवैध धंधा करता रहा। माडल टाउन के एक बड़े लाइजनर से उसका परिचय होने के बाद उसने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों व दिल्ली पुलिस के सभी रैंक के अफसरों व कर्मियों का ट्रांसफर पोस्टिंग कराने का काम शुरू कर दिया।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 08:21 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 08:21 PM (IST)
Delhi Crime News: पूर्व एलजी की धौंस देकर एसआइ ने ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर कमाएं करोड़ों रुपये
उसने दिल्ली सरकार के कई डीएम, एसडीएम का भी तबादला कराया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पूर्व उप राज्यपाल अनिल बैजल के सुरक्षा अधिकारी रहे दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर के कारनामे की परत दर परत पोल अब खुलनी शुरू हो गई है। दक्षिण दिल्ली के एक व्यवसायी द्वारा एसआइ पर चार करोड़ रुपये वसूली करने की शिकायत पुलिस आयुक्त से करने का मामला सामने आने के बाद उसके शिकार बने कई अन्य पीडि़तों ने अब पुलिस आयुक्त कार्यालय, ग्रेटर कैलाश व चितरंजन पार्क थाने में शिकायत करनी शुरू कर दी है।

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बताया जा रहा है कि पूर्व उप राज्यपाल का धौंस देकर एसआइ ने न केवल दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में तैनात आइएएस बल्कि दिल्ली पुलिस में तैनात आइपीएस अधिकारियों का भी जीना मुहाल कर रखा था। मुख्यालय सूत्रों की मानें तो उक्त मामले को लेकर जल्द ही एसआइ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। आरोपित की तैनाती 2011 से 2017 तक चितरंजन पार्क थाने में थी।

उस समय वह एएसआइ था। चितरंजन पार्क थाने के जिस इ ब्लाक में पूर्व उप राज्यपाल का आवास है आरोपित वहां का बीट अफसर होता था। उसी दौरान पूर्व उप राज्यपाल से उसकी जान पहचान बढी थी। दिसंबर 2016 में अनिल बैजल के उप राज्यपाल बनने पर जनवरी 2017 में वह उनका सुरक्षा अधिकारी बन गया था।

उप राज्यपाल भवन में तैनाती के दौरान एसआइ ने एलजी से बेहतर संबंध का धौंस देकर दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में ट्रांसफर पो¨स्टग कराने के एवज में अवैध कमाई करना शुरू कर दिया था। बताया जाता है कि करीब एक साल पहले महरौली में स्पेशल सेल ने मुठभेड़ के बाद कुछ बदमाशों को गिरफ्तार किया था। आरोपित उस समय एएसआइ था। उक्त घटना से उसका कोई लेना देना नहीं था। सेल में उसकी तैनाती भी नहीं थी।

लेकिन अपनी ऊंची पहुंच के बदौलत वह विभाग से आउट आफ टर्म लेकर एसआइ बना गया। एसआइ की धौंस का पता इसी से चलता है कि उसने राज्य सरकार के महारानी बाग स्थित एक सरकारी आवास भी अपने रहने के लिए अलाट करा लिया था। पहले तो वह खुद अकेले अवैध धंधा करता रहा।

माडल टाउन के एक बड़े लाइजनर से उसका परिचय होने के बाद उसने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों व दिल्ली पुलिस के सभी रैंक के अफसरों व कर्मियों का ट्रांसफर पो¨स्टग कराने का काम शुरू कर दिया। बताया जा रहा कि उसने दिल्ली सरकार के कई डीएम, एसडीएम का भी तबादला कराया है।

इसके एवज में उसने मोटी कमाई की है। उप राज्यपाल भवन में तैनाती के बावजूद ग्रेटर कैलाश व चितरंजन पार्क के बाजारों से उसके वसूली करने का सिलसिला जारी रहा। बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में तैनात डाक्टरों को स्थायी कराने के एवज में भी वह लाखों रुपये उगाही कर चुका है।


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