कारोबारी ने बयां किया दर्द, बोले- होश आते ही लगा देते थे बेहोशी का इंजेक्शन
अनिल ने बताया कि कार में बंधक बनाने के साथ ही बदमाशों ने उनका पर्स व एटीएम लूट लिया था। उनके एटीएम कार्ड से ही बदमाशों ने कार में ईंधन डलवाया।
गाजियाबाद [जेएनएन]। हरिद्वार में अपहर्ताओं से मुक्त कराए गए गाजियाबाद के कारोबारी अनिल अरोड़ा ने रविवार को लौटने के बाद अपना दर्द बयां किया। अनिल के मुताबिक बदमाश पूरे रास्ते उन्हें पीटते रहे और बेहोशी का इंजेक्शन देते रहे। उन्होंने बताया कि बदमाश उन्हें कार में बैठाकर लगातार 44 घंटे तक घुमाते रहे। इस दौरान न तो उन्हें खाना दिया और न ही पीने के लिए पानी दिया गया।
लूट लिया पर्स व एटीएम
अनिल ने बताया कि कार में बंधक बनाने के साथ ही बदमाशों ने उनका पर्स व एटीएम लूट लिया था। उनके एटीएम कार्ड से ही बदमाशों ने कार में ईंधन डलवाया। अपहरण से पूर्व मुख्य आरोपी राशिद उनकी फैक्ट्री में आया था, उसने एक पार्ट बनाने की बात कहकर उन्हें स्विफ्ट कार में अपने साथ ले गया था। कार में पहले से ही दो लोग बैठे हुए थे।
भाई को फोन कर मांगी फिरौती
मुरादनगर के पास आरोपियों ने उनके हाथ पैर रस्सी से बांध दिए और पिछली सीट पर बंधक बना लिया। इसके बाद बदमाशों ने उनके मुंह व आंखों पर टेप लगा दी। सुबह होने पर बदमाशों ने पानीपत में उनके फोन से भाई मनीष को फोन किया और दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगते हुए अनिल से भी मनीष की बात कराई। इसके बाद आरोपियों ने उन्हें बेहोशी का इंजेक्शन दे दिया। कुछ समय बाद वह बेहोश हो गए। होश आने पर उन्हें दोबारा इंजेक्शन लगा देते थे।
यूं रची गई साजिश
एसएसपी हरिनारायण सिंह ने बताया कि आरोपी जींद हरियाणा निवासी प्रदीप एयरफोर्स में कॉरपोरल है और चंडीगढ़ में एयरफोर्स की वर्क शॉप में काम करता है। उसकी दोस्ती राशिद से थी। उसे पूर्व में 12 से 13 लाख रुपये का नुकसान हुआ था और वह कर्ज में आ गया था। इसके बाद उसने राशिद को फोन करके कहा कि कोई काम बताओ पैसे की जरूरत है। राशिद ने अनिल के अपहरण के बारे में चर्चा की और वह तैयार हो गया।
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